प्रदेश में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने पर सीएम योगी का जोर,कहा प्राथमिक सहकारी समितियों की संख्या भी बढ़ायें
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि पशुपालन और दुग्ध विकास प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार है। यह क्षेत्र केवल दुग्ध उत्पादन तक सीमित नहीं, बल्कि इसमें आजीविका, पोषण सुरक्षा और महिला सशक्तिकरण की भी व्यापक संभावनाएं हैं।
lucknow
2:00 PM, May 4, 2025
Share:


प्रदेश में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने पर सीएम योगी का जोर
उत्तर प्रदेश/लखनऊ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि पशुपालन और दुग्ध विकास प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार है। यह क्षेत्र केवल दुग्ध उत्पादन तक सीमित नहीं, बल्कि इसमें आजीविका, पोषण सुरक्षा और महिला सशक्तिकरण की भी व्यापक संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि तकनीक,निवेश और नवाचार को बढ़ावा देते हुए इस क्षेत्र को और सशक्त किया जाना चाहिए।
गोवंश संरक्षण केंद्रों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ठोस प्रयास
रविवार को पशुपालन एवं दुग्ध विकास विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि निराश्रित गोवंश संरक्षण केंद्रों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ठोस प्रयास किए जाएं। उन्होंने कहा कि गोबर से निर्मित प्राकृतिक पेंट का प्रयोग सरकारी भवनों में भी किया जाए तथा इन पेंट प्लांट्स की संख्या बढ़ाई जाए।
प्रदेश के 7693 गो आश्रय स्थलों में 11.49 लाख गोवंश संरक्षित
सीएम को जानकारी दी गई कि वर्तमान में प्रदेश के 7693 गो आश्रय स्थलों में 11.49 लाख गोवंश संरक्षित हैं। इनकी निगरानी सीसीटीवी से की जा रही है और नियमित अंतराल पर निरीक्षण भी हो रहा है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि यहां केयर टेकर की तैनाती हो। उन्हें समय से वेतन भुगतान, भूसा बैंक की स्थापना तथा पानी हरे चारे और चोकर की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
मंडल स्तर पर देसी नस्ल की गायों की प्रतियोगिता
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि मंडल स्तर पर देसी नस्ल की गायों की प्रतियोगिता कराई जानी चहिए। अच्छे गो आश्रय स्थलों को चिन्हित कर सम्मानित किया जाए। इसी प्रकार,गौ आधारित उत्पाद बनाने वाली संस्थाओं के बीच भी प्रतियोगिता आयोजित की जाए।
गो आश्रय स्थलों की आत्मनिर्भरता हेतु सीबीजी प्लांट की स्थापना
मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि वाराणसी और मुजफ्फरनगर में गो आश्रय स्थलों की आत्मनिर्भरता हेतु सीबीजी प्लांट की स्थापना की जा रही है। प्रदेश में अब तक 40968.29 हेक्टेयर गोचर भूमि को कब्जामुक्त कराया गया है, जिसमें से 12168.78 हेक्टेयर भूमि पर हरा चारा उत्पादन हो रहा है। महिला स्वयं सहायता समूहों की भागीदारी से ग्रामीण रोजगार भी सृजित हो रहा है।
दुग्ध उपार्जन 3.97 एलएलपीडी दर्ज किया गया
मुख्यमंत्री को यह भी बताया गया कि वर्ष 2024-25 में दुग्ध उपार्जन 3.97 एलएलपीडी दर्ज किया गया। जो पिछले वर्ष की तुलना में 10% अधिक है। सदस्यता में 8% वृद्धि हुई है और 24031 दुग्ध उत्पादकों को प्रशिक्षण मिला है। वित्तीय दृष्टि से टर्नओवर 1120.44 करोड़ तक पहुंचा है।