उत्तर प्रदेश/लखनऊ। स्थिति में अगर आप भी पहली बार अपने घर में भगवान गणेश की स्थापना कर रहे हैं। तो उससे जुड़े कुछ सही तरीके आपको भी जानना चाहिए।
हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह सनातन धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस माह में कई प्रमुख व्रत और त्योहार मनाए जाते हैं। जिनमें गणेश चतुर्थी का पर्व विशेष महत्व रखता है। गणेश चतुर्थी,जो हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है। इस वर्ष 6 सितंबर को मनाई जाएगी। इस दिन लोग अपने घरों में भगवान गणेश की प्रतिमा की स्थापना करते हैं और विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करते हैं। यह पर्व गणेश उत्सव के 10 दिनों की शुरुआत का भी प्रतीक है, जिसे गणपति भक्त बड़े धूमधाम से मनाते हैं। अगर आप भी पहली बार अपने घर में भगवान गणेश की स्थापना कर रहे हैं,तो इस प्रक्रिया के कुछ सही तरीके जानना महत्वपूर्ण है। अयोध्या के ज्योतिष पंडित कल्कि राम ने भगवान गणेश की स्थापना से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं।
गणेश प्रतिमा का चयन
जब आप गणेश चतुर्थी के लिए भगवान गणेश की प्रतिमा का चयन कर रहे हों,तो ध्यान दें कि, गणेशजी की सूंड बाईं ओर झुकी होनी चाहिए। इस प्रकार की प्रतिमा को घर में लाना अत्यंत शुभ माना जाता है। इसके अलावा,घर में बैठी हुई गणेश प्रतिमा लाना सुख और समृद्धि का प्रतीक होता है।गणेश प्रतिमा की खरीदारी के समय यह सुनिश्चित करें कि,प्रतिमा का एक हाथ आशीर्वाद की मुद्रा में हो और दूसरा हाथ में मोदक पकड़े हुए हो।
कैसे करे स्थापना
भगवान गणेश की स्थापना करते समय प्रतिमा को ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) में रखें और प्रतिमा का मुख उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए। इसके लिए एक साफ चौकी का चयन करें,उस पर एक वस्त्र बिछाएं,और फिर प्रतिमा को स्थापित करें।
पूजा की विधि
गणेश प्रतिमा को स्थापित करने के बाद,शुद्ध गंगाजल छिड़कें,और प्रतिमा पर अक्षत अर्पित करें। भगवान गणेश के साथ-साथ रिद्धि और सिद्धि की भी स्थापना करना ना भूलें। प्रतिमा के दाएं ओर एक कलश में जल भरकर रखें। फिर हाथ में फूल और अक्षत लेकर भगवान गणेश की पूजा करें।
भोग और आराधना
पूजा के दौरान भगवान गणेश को फल,फूल और मिठाई का भोग लगाएं। खास ध्यान दें कि,गणेशजी को मोदक विशेष प्रिय है,इसलिए भोग में मोदक अवश्य शामिल करें। अंत में भगवान गणेश के अमोघ मंत्र का जाप करें और फिर आरती करके पूजा संपन्न करें। चतुर्थी के अवसर पर भगवान गणेश की विधिपूर्वक स्थापना और पूजा करने से घर में सुख,समृद्धि और शांति का वास होता है।