उत्तर प्रदेश/लखनऊ। महाकुंभ में बसने वाली सबसे बड़ी आध्यात्मिक संस्थाओं में से एक आचार्यबाड़ा को भव्य और दिव्य रूप में बसाने की रूपरेखा तय की गई। दारागंज स्थित वैष्णव रामदेशिक आश्रम में देशभर से पहुंचे रामानुजाचार्य परंपरा के संतों ने 350 बीघा में आचार्यबाड़ा बसाने के साथ ही रामानुज स्वामी के नाम पर चौराहा और सड़क बनाने का प्रस्ताव रखा है। साथ ही मेला प्रशासन से नए शिविरों के लिए सौ बीघा अतिरिक्त भूमि आवंटित करने का आग्रह किया गया।
रामानुज नगर प्रबंध समिति आचार्यबाड़ा की बैठक दोपहर दो बजे आरंभ हुई। समिति के कोषाध्यक्ष जगद्गुरु स्वामी घनश्यामाचार्य ने एजेंडा सुनाया। उन्होंने कहा कि,मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संतों को पर्याप्त भूमि सुविधाएं दिलाने का भरोसा दिलाया है। अयोध्या से आए जगदगुरु स्वामी परांकुशाचार्य का कहना था कि,इस बार सौ से अधिक नए शिविर लगाने के लिए फोन पर देशभर से संतों ने संपर्क किया है। महाकुंभ में पहली बार शिविर लगाने के लिए भी संतों के आवेदन आए हैं।
पूर्व प्रशासन सुविधाओं पर भी हुआ मंथन
आचार्यबाड़ा के शिविरों में पानी,बिजली सहित जरुरी सुविधाओं के अलावा नई संस्थाओं को अधिक भूमि आवंटित करने के प्रस्ताव पर चर्चा की गई। शिविरों को पूर्व में प्रशासन की ओर से मिलने वाली सुविधाओं पर भी ध्यान दिया गया।
कई संतों की विचार धारा
संतों ने कहा कि,आचार्यबाड़ा बसाने के लिए इस बार 350 बीघे भूमि की आवश्यकता होगी। संतों ने कई दिक्कतें भी गिनाईं। उनका कहना था कि,रामानुजनगर में रामानुज स्वामी के नाम पर चौराहा और मार्ग का नामकरण किया जाना चाहिए। वृंदावन से आए स्वामी अनंताचार्य,नासिक से कमलाकांताचार्य,उज्जैन से स्वामी रंगनाथाचार्य,मुंबई से स्वामी जनार्दनाचार्य और सुदर्शनाचार्य महाराज समेत कई संतों ने विचार व्यक्त किए। अध्यक्षता खटलेश स्वामी रामेश्वराचार्य महाराज ने की।