उत्तर प्रदेश/लखनऊ। सीएम आवास के पास उन्नाव की जिस महिला ने आत्मदाह का प्रयास किया था। उस महिला की गोद में एक दो साल का बेटा भी है। महिला ने जिसे सड़क किनारे बैठाकर खुद को आग लगाई थी। फिलहाल महिला का इलाज KGMU ट्रॉमा सेंटर में चल रहा है।लेकिन उस मासूम और अबोध का सहारा खाकी बनी हुई है।
इधर, उसके दो साल के मासूम बेटे का सहारा खाकी वर्दी बनी और महिला सिपाही ने बच्चे की देखभाल की। 8 घंटे तक बच्चे को संभालने के बाद उसे चाइल्ड केयर के सुपुर्द कर दिया गया है। परिवार के लोग बच्चे की कस्टडी मांगेंगे तो उन्हें सौंपा जाएगा।जिस समय महिला (अंजली) ने खुद को आग लगाई। उस समय बेटा दिव्यांश पास में ही बैठा। वह रो रहा था, उसे पता नहीं था की मां ने क्या कर लिया है? घटना के बाद महिला पुलिसकर्मियों ने बच्चे को संभाला और गोद में उठाकर उसे हेल्प डेस्क केबिन में ले जाया गया।गौतम पल्ली थाने की हेल्प डेस्क पर तैनात महिला सिपाही ममता देवी, राप्ती चावला और जीडी पर कार्यरत आरती मौर्या ने दिव्यांश के लिए हजरतगंज से नए कपड़े खरीदे। गंदे कपड़े उतारकर उसे डायपर पहनाया। नए-नए कपड़े भी पहनाए। भूख से बिलख रहे दिव्यांश को गिलास से दूध पिलाया गया, तब उसने राहत की सांस ली।हालांकि मां को आसपास न पाकर वह परेशान था और बार-बार रोने लगता था। इस पर महिला सिपाहियों ने दिव्यांश को खूब प्यार-दुलार किया, जिसकी वजह से वह चुप हो जाता था। यह सिलसिला बार-बार चलता रहा और महिला सिपाहियों ने बारी-बारी बच्चे को संभालने का काम किया।जब बच्चा रोने लगता तो उसे मोबाइल पर कार्टून दिखाकर शांत कराया जाता। थाने पर आई एक पीड़िता के पास बच्चा देखकर आरती ने उसे हेल्प डेस्क में बुला लिया। दोनों बच्चे काफी देर तक साथ में खेलते रहे।महिला पुलिसकर्मियों ने गौतम पल्ली थाने में करीब 8 घंटे तक उसे प्यार से रखा। डायपर और नए कपड़े पहनाने के साथ ही खिलाया, पिलाया। मंगवार देर शाम उसे सीडब्ल्यूसी को सौंप दिया गया।राजधानी लखनऊ के गौतम पल्ली थाना क्षेत्र में महिला के आत्मदाह की कोशिश किए जाने के मामले को शासन ने गंभीरता से लिया है। उन्नाव पुलिस के अधिकारी बुधवार सुबह लखनऊ पहुंचे। DCP सेंट्रल रवीना त्यागी ने एडिशनल एसपी अखिलेश सिंह व अन्य पुलिस कर्मियों के साथ अहम बैठक की है।