यूपी के सरकारी स्कूलों में स्टूडेंट का आज पहला दिन, मनाया गया प्रवेश उत्सव
यूपी में आज सरकारी स्कूल खुल रहे है। जहां पर स्टूडेंट के स्कूल आने पर प्रवेश उत्सव मनाया जा रहा है। जहां पर शिक्षक आज अपने स्टूडेंट का गेट पर खडे होकर स्वागत कर रहे है उनकेा तिलक लगा रहे है। सनातन परम्परा का एक अनूठा उदाहरण मगलवार को प्रदेश के अधिकांश सरकारी स्कूलों में देखने को मिला है।
UTTAR PRADESH
6:37 AM, Jul 1, 2025
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लखनऊ बख्शी का तालाब के सरकारी स्कूल में मंगलवार को प्रवेश उत्सव पर स्टूडेंट का स्वागत करते शिक्षक अनुराग सिहं राठौर सौ0 RExभारत
उत्तर प्रदेश।लखनऊ। यूपी में आज सरकारी स्कूल खुल रहे है। जहां पर स्टूडेंट के स्कूल आने पर प्रवेश उत्सव मनाया जा रहा है। जहां पर शिक्षक आज अपने स्टूडेंट का गेट पर खडे होकर स्वागत कर रहे है उनको तिलक लगा रहे है। सनातन परम्परा का एक अनूठा उदाहरण मगलवार को प्रदेश के अधिकांश सरकारी स्कूलों में देखने को मिला है।
पहला मौज मस्ती और सेल्फी का दिन
लखनऊ के बक्शी का तालाब विकास खण्ड क्षेत्र में प्राथमिक विद्यालय सूरजपुर गढ़ा में मंगलवार की सुबह प्रवेश उत्सव मनाया गया। स्कूल चलो अभियान के दूसरे चरण में आज बच्चों का विद्यालय में आगमन हुआ। खंड शिक्षा अधिकारी बख्शी का तालाब प्रीती शुक्ला द्वारा विद्यालय में बच्चों को किताबें व स्टेशनरी का वितरण किया गया। सेवा संकल्प संस्था द्वारा प्रवेश उत्सव पर बच्चों को चार पंखे उपलब्ध कराए गए। विद्यालय के शिक्षक अनुराग सिंह राठौर,विभावरी चंद्रबाला, प्रीति यादव, प्रभादेवी व गजराज द्वारा बच्चों को तिलक लगाकर विद्यालय में स्वागत किया गया।
अभिभावकों और बच्चों में कम्पोजिट का दर्द भी
कई प्राथमिक विधालयों को कम्पोजिट करके अब प्राथमिक विधालय को पूर्व माध्यमिक विधालय में स्थानान्तरित कर दिया गया है। जिसका अभिभावकों द्वारा लगातार विरोध किया जा रहा है। माल मलिहाबाद और बख्शी का तालाब के कई स्कूलों को बंद करने पर वहां के अभिभावक नाराज है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से दोबारा खोलवानें के लिए कई प्रकार की समस्याओं को सामने रख रहे है।
सहपुरवा प्राथमिक विधालय के बच्चे पहाडपुर में पढेंगे
बख्शी का तालाब के पहाडपुर में अब सहपुरवा प्राथमिक विधालय के बच्चे पढने आएंगे। लेकिन इन बच्चों के अभिभावकों ने इस व्यवस्था के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अभिाभावकों का आरेाप है कि उनके यहां प्रधानाचार्य ने खोके में रखकर समिति के पदाधिकारियों से सादे कागज पर अंगूठा लगवा लिया और अभिभावकों और ग्रामीणों की सहमति दिखायी है। जबकि पूरा गांव इसके खिलाफ है सहपुरवा सरकारी स्कूल को बंदकर बच्चों को पहाडपुर भेजा जाए।