अन्नू सारी उम्मीदो को छोड कर जा रही जयपुर,आर्यवर्धन को हुआ अपनी भूल का अहसास पहुंचा अन्नू को रोकने के लिए,मगर अन्नू ने किया मना
लोगो के दिलो में राज करने वाले अन्नू और आर्यवर्धन की लवस्टोरी के चर्चा तो हर एक जगह पर हो रहे है। इन दोनो की लवस्टोरी के बीच हैसियत के अंतर के साथ उम्र के अंतर की वजह से यह सीरियल बहुत ही ज्यादा लोगो के द्वार देखा जाने वाला जीटीवी का सीरियल बनता जा रहा है। जब तुम से तुम तक सीरियल का ट्रेलर रिलीज हुआ था तभी से लोग अन्नू और आर्यवर्धन की इस अनोखी लवस्टोरी को देखने के लिए बहुत ही ज्यादा बेक़रार थे।
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8:18 PM, Sep 14, 2025
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SKETCH BY-GOOGLE
उत्तर प्रदेश। लोगो के दिलो में राज करने वाले अन्नू और आर्यवर्धन की लवस्टोरी के चर्चा तो हर एक जगह पर हो रहे है। इन दोनो की लवस्टोरी के बीच हैसियत के अंतर के साथ उम्र के अंतर की वजह से यह सीरियल बहुत ही ज्यादा लोगो के द्वार देखा जाने वाला जीटीवी का सीरियल बनता जा रहा है। जब तुम से तुम तक सीरियल का ट्रेलर रिलीज हुआ था तभी से लोग अन्नू और आर्यवर्धन की इस अनोखी लवस्टोरी को देखने के लिए बहुत ही ज्यादा बेक़रार थे।तुम से तुम तक एक भारतीय हिंदी भाषा की रोमांटिक ड्रामा टेलीविज़न सीरीज़ है। जिसका प्रीमियर 7 जुलाई 2025 को ज़ी टीवी पर हुआ था। इसका निर्माण प्रतीक शर्मा ने स्टूडियो एलएसडी प्राइवेट लिमिटेड के तहत किया है और इसमें निहारिका चौकसे और शरद केलकर मुख्य भूमिका में हैं। यह ज़ी मराठी के टीवी सीरीज़ तुला पहाते रे का रीमेक है। लोगो को अन्नू और आर्यवर्धन की लवस्टेारी को देखकर अपने सच्चे प्यार का अहसास हुआ है। युवा पीढी को तो वैसे ही लवस्टेारी में बहुत ही दिलचस्पी होती है। जब से तुम से तुम तक सीरियल आना शुरू किया गया है कि,तब से युवा पीढी को प्यार की असली परिभाषा समझ में आयी है।
आर्यवर्धन प्रमोशन देकर अन्नू को करना चाहता है खुद से दूर
आर्यवर्धन अपने परिवार के साथ उसी मंदिर में जाने के लिए निकलता है लेकिन हर्षवर्धन की पत्नी आर्यवर्धन के साथ मंदिर नही जाना चाहती है। वो कहती है कि,यह भी हमारे साथ मंदिर जाएंगे। तो फिर आप दोनो मां — बेटे को साथ में बहुत सारी बाते करनी होगी। लेकिन मैं आप दोनो के बीच कबाब में हड्डी नही बनना चाहती हूं। लेकिन आर्यवर्धन समझ जाता है कि,हर्षवर्धन की पत्नी उसके साथ मंदिर नही जाना चाहती है। जिसके लिए आर्यवर्धन मंदिर जाने के लिए मना कर देते है। लेकिन माता रानी तो आर्यवर्धन और अन्नू को मिलवाना चाहती है। जिसके लिए आर्यवर्धन को भी मंदिर भेजने के लिए वो पूरी तैयारी कर दी। आर्यवर्धन जब घर पर अकेला बेठा होता है। तभी वहां पर चाय लेकर एक बुजुर्ग कहते है कि,आर्यवर्धन सर आप भी मां जी के साथ मंदिर नही गए है। पिछली बार भी मां जी के साथ हर्षवर्धन नही गए थे और इस बार भी वो नही गए है। लेकिन आर्यवर्धन सर आप तो वहां पर जाकर मां जी का साथ दे ही सकते है। वहां ऑफिस में मीरा और आर्यवर्धन का दोस्त इस बात की खुशी को मना रहे थे कि,अब इन दोनो का मिलना तो बिल्कुल ही नामुमकिन है। क्योकि, अन्नू आज सुबह अपने परिवार के साथ मंदिर गई है और जब तक वो वापस आएंगी। तब तक तो 24 घंटे पूरे हो जाएगे। लेकिन तभी आर्यवर्धन का दोस्त बोलता है कि,आर्यवर्धन भी आज पूरे परिवार के साथ मंदिर के दर्शन के लिए गए। तभी यह दोनो मंदिरो का नाम लेते है जहां पर अन्नू और आर्यवर्धन साथ में गए हुए है। मारी कहती है कि,हमे आर्यवर्धन सर को रोकना होगा। उसी मंदिर मेे जोन से लेकिन यह दोनो जिस लिफ्ट में होते है। वह खराब हो जाती है। जिसकी वजह से आर्यवर्धन को यह लोग कॉल नही कर पाते है।
एक ही मंदिर में दर्शन करने के लिए जाते है आर्यवर्धन और अन्नू
आर्यवर्धन मंदिर के लिए अपने घर से निकलता है और रास्ते में सोचता है कि,अब मेरा अन्नू का मिलना तो बिल्कुल ही नामुमकिन है। वहां आर्यवर्धन मंदिर में पहंच जाता है मीरा और आर्यवर्धन का दोस्त भी फंसी लिफ्ट से बाहर आ जाते है। वो आर्यवर्धन को तब कॉल करते है जब वो अन्नू के सामने आने वाला था। लेकिन आर्यवर्धन के आस — पास बहुत ही शोर होता है। जिसकी वजह से वेा इन दोनो की बात को नही सुनता है और कहते है यहां पर बहुत ही शोर है मै तुम्हे बाद मे कॉल करता हू। जैसे ही आर्यवर्धन कॉल को काटता है। वैसे ही वहां पर अन्नू उसके सामने होती है। जिसके बाद वो समझ जाता है कि,अन्नू सही कह रही थी। लेकिन आर्यवर्धन अन्नू को छुप जाता है और अपने फेस पर कलर लगा लेते है ताकि,आर्यवर्धन को अन्नू पहचान न सके । अन्नू आर्यवर्धन प्रसाद देने के लिए जाती है। पर वो हाथ देकर प्रसाद लेने की कोशिश करता है। लेकिन उसी समय अन्नू की मम्मी उसको बुला लेती है। वही आर्यवर्धन छुप जाता है। अन्नू को शक हो जाता है कि,वो आर्यवर्धन है। वो देखने लगती है। लेकिन आर्यवर्धन उससे छुपता रहता है। अन्नू मंदिर से जा रही होती है। तभी वहां पर आर्यवर्धन की कार को देखकर उसका यकीन हो जाता है कि,आर्यवर्धन वही आदमी थी। अन्नू इस बात से बहुत ही दुखी होती है कि,आर्यवर्धन ने उसको देखकर भी अनदेखा कर दिया।
आर्यवर्धन को हुआ अहसास की अन्नू का उसके साथ जरूर कोई है रिश्ता
अन्नू जब घर पर वापस आती है तब वो बहुत ही दुखी होती है। वो अपनी दोस्त के पास जाती है और कहती है कि,मंदिर में आर्यवर्धन मेरे सामने थे। लेकिन उन्होने ने मुझ देखकर भी खुद को छुपा लिया ताकि,मैं उनको नही देख पाओ। अन्नू रोते हुए कहती है कि,माता रानी ने मेरा साथ दिया उन्होने हम दोनो को मिलवा दिया। लेकिन आर्यवर्धन ने मेरा साथ नही दिया। उन्होने मुझे धोखा दिया। जब वही नही चाहते है कि,मैं यहा पर उनके आ— पास रूकू तो फिर मेरा जयपुर चला जाना ही ठीक होगा।अन्नू जब आखिर दिन ऑफिस आती है। तब मीरा उसका आखिर दिन के लिए फेयरवेल करती है। आर्यवर्धन बहुत ही ज्यादा शर्मिंदा होता है वो सोचता है कि,अन्नू सही कह रही थी। अन्नू हार के भी जीत गई और मैं जीत कर भी हार गया। वो अन्नू से नजर भी नही मिला पा रहा था। लेकिन अन्नू समझ जाती है कि,आर्यवर्धन सच छुपाने की वजह से मुझ से नजर नही मिला पा रहे है। अन्नू आर्यवर्धन से कुछ नही कहती है। वो अगली सुबह जयपुर जाने की तैयारी करके वहां के लिए निकलने के लिए बस पर बैठती है। लेकिन वहां आर्यवर्धन अंदर ही अंदर बहुत ही दुखी होता है। वो अपने दोस्त से कहता है कि,अन्नू सही कह रही थी कि,उसके मेरे बीच जरूर कुछ तो है। तभी तो हमे माता रानी ने वहां पवर मंदिर में एक — दूसरे के सामने खडा कर दिया। मैने अन्नू का विश्वास तोड दिया। उसने तो पूरी इमादारी के साथ सब मता रानी पर छोडा। लेकिन मैंने उसके साथ धोखा किया।
अन्नू को रोकन के लिए आर्यवर्धन कर रह है कोशिश
आर्यवर्धन का दोस्त कहता है कि,मुझे पता है कि,तुम अन्नू से प्यार करते हो। लेकिन अब सब कुछ ठीक हो जाएगा। क्योकि,अन्नू आज हमेशा के लिए जयपुर चली जाएगी और यही तुम्हारे लिए अच्छा होगा। लेकिन आर्यवर्धन अपने दिल को रोक नही पाता है। आर्यवर्धन मीरा के बारे में अन्नू कैसे जा रही है और किस बस के लिए जा रही है सारी जानकारी लेकर अपनी कार को लेकर अन्नू को रोकने के लिए पहुंच जाता है। लेकिन जब आर्यवर्धन वहां पर जाता है अन्नू को रोकेन के लिए तब अन्नू की बस जा चुकी होता है। लेकिन आर्यवर्धन अन्नू की बस के पीछे जाता है और उसका पीछा करता है। वही दूसरी ओर आर्यवर्धन के दोस्त जब पता चलता है कि,आर्यवर्धन अन्नू को रोकने के लिए गया है। तब वो भी आर्यवर्धन के पीछे चला जाता है। आर्यवर्धन अन्नू की बस का देख लेता है। जिस में वो बैठी होती है। वो अन्नू को कई बार रोकता है। लेकिन अन्नू कान में ईयरबड्स लगाकर गाने सुन रही थी। जिसकी वजह से वो आर्यवर्धन की आवाज को नही सुन पाती है। लेकिन आर्यवर्धन बस के सामने अपनी कार को रोक कर बस को रूकवा देता है। अन्नू से वो वापस चलने को कहता है। लेकिन अन्नू साफ — साफ मना कर देती है। फिर आर्यवर्धन कहता है कि,अगर तुम जयपुर जाओगी। तो मैं भी तुम्हारे साथ जाओगा। जिस पर अन्नू कहती है जैसे आपकी इच्छा। आर्यवर्धन अन्नू के साथ बस में बैठकर उसको मनाने की कोशिश करता है। मगर अन्नू उससे कहती कि,आप को पता है आप क्या कर रहे हो। आप मंदिर में मुझ से मिले। लेकिन आप ने मुझे गलत सबित करने के लिए खुद को छुपा लिया। जिस पर आर्यवर्धन कुछ नही बोलता है। अब देखने वाली बात होगी कि,क्या आर्यवर्धन अन्नू को जयपुर जाने से रोक पाता है कि,नही।