प्रदेश सरकार के निर्देशों का माजक बनाकर भू— माफिया कर रहे अवैध कब्जा,काकोरी क्षेत्र का मामला
काकोरी थाना क्षेत्र में कल्याण सिंह वार्ड के अंतर्गत आने वाले सलेमपुर पतोरा व कुंदनखेड़ा गांव स्थित सूरजकुंड प्राचीन मंदिर की भूमि पर दबंगों ने द्वारा अवैध कब्जा करने की बात उजागर हुई है। जिसको लेकर लोगो के बीच बवाल मचा हुआ है कि,एक तरह सरकार दबंगो के खिलाफ सख्ती से कार्यवाही कर रही और जो कि,सही बात है। लेकिन यह पर तो अलग ही खिचडी पकाई जा रही है। इस मामले को लेकर क्षेत्र मे कोहराम छाया हुआ है।
lcuknow
1:55 PM, Nov 10, 2025
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PHOTO BY- GOOGLE
उत्तर प्रदेश।लखनऊ।काकोरी थाना क्षेत्र में कल्याण सिंह वार्ड के अंतर्गत आने वाले सलेमपुर पतोरा व कुंदनखेड़ा गांव स्थित सूरजकुंड प्राचीन मंदिर की भूमि पर दबंगों ने द्वारा अवैध कब्जा करने की बात उजागर हुई है। जिसको लेकर लोगो के बीच बवाल मचा हुआ है कि,एक तरह सरकार दबंगो के खिलाफ सख्ती से कार्यवाही कर रही और जो कि,सही बात है। लेकिन यह पर तो अलग ही खिचडी पकाई जा रही है। इस मामले को लेकर क्षेत्र मे कोहराम छाया हुआ है। सोचने वाली बात है कि,जब मंदिर पर हर एक भक्त का हक होता है तब कैसे दबंगो के द्वारा कब्जा किया जा सकता है।
प्राचीन मंदिर की भूमि पर दबंगों ने अवैध कब्जा
बताया जा रहा है कि, मंदिर के बगल में स्थित तालाब पर जहाँ श्रद्धालु स्नान किया करते थे। उसे पाटकर भूमाफियाओं ने प्लॉटिंग कर दी है। जिसको लेकर स्थानीय लोगों का आरोप है कि, दबंगों ने प्रॉपर्टी डीलर के नाम से कंपनी बनाकर जरूरतमंदों को महंगे दामों पर जमीनें बेचना शुरू कर दिया है। जो कि,बहुत ही गलत बात है लेकिन भूमाफियाओं के हौसले इतने बुलंद हो गए है कि,सरकार के द्वारा दिए गए निर्देशो का भी पालन नही किया गया है। इस मामले में सरकार के नियम का साफ — साफ उल्लंघन किया गया है। लेकिन फिर भी भूमाफियाओं को कोई डर नही है।
उच्च अधिकारियों को अवगत कराकर कड़ी कार्रवाई की मांग
भाजपा काकोरी मंडल ओबीसी मोर्चा के उपाध्यक्ष अरुण कुमार यादव ने बताया कि,खसरा संख्या 333, 334स, 334, 321, 318, 313, 306, 310 समेत कई भूमि पर अवैध कब्जा किया गया है।उन्होंने उच्च अधिकारियों को इस मामले को लेकर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि, एक तरह प्रदेश सरकार लगातार भू माफियाओं पर सख्त कार्रवाई कर रही है।लेकिन काकोरी क्षेत्र में दबंग भूमाफिया अब धार्मिक भूमि को भी नहीं छोड़ रहे हैं।स्थानीय जनता ने प्रशासन से मंदिर और तालाब की भूमि को कब्जामुक्त कराने की मांग की है।

