बच्चो का खेल — कूद करना आखिर क्यों है जरूरी...राज की बात !
बच्चो का सिर्फ पढना नही बल्कि खेलना कूदना भी जरूरी हैं। बहुत सारे अभिभवाक अपने बच्चो को खेलने को मना करते हैं। उन्हे लगता है कि,सारे दिन सिर्फ पढाई करना चहिए। लेकिन ऐसा करना बच्चो के लिए हानिकारक सिद्ध हो सकता हैं।
UTTAR PRADESH
8:09 AM, Jul 17, 2025
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SKETCH BY - GOOGLE
उत्तर प्रदेश। बच्चो का सिर्फ पढना नही बल्कि खेलना कूदना भी जरूरी हैं। बहुत सारे अभिभवाक अपने बच्चो को खेलने को मना करते हैं। उन्हे लगता है कि,सारे दिन सिर्फ पढाई करना चहिए। लेकिन ऐसा करना बच्चो के लिए हानिकारक सिद्ध हो सकता हैं।
किताबो में घूसे रहना पड सकता भारी
बच्चो को सारा दिन पढाई करने के लिए कहा जाता हैं। क्योकि,माता—पिता को लगता है कि,बच्चे अगर खेल — कूद करेगे। तो उनका पढाई में मन नही लगेगा। मगर ऐसा करने से बच्चो का पढाई में और भी मन नही होता है। जिससे से वो पढाई भी नही कर पाते हैं। जिससे बच्चे खुद को कम समझते हैं। संभावना होती है कि, वो डिप्रेशन में जा सकते हैं।
खेलना भी होता है जरूरी
खेलना बच्चो के लिए बहुत ही जरूरी होता है। जब बच्चे खेल — कूद करते है तब वो खुद को स्वास्थ महसूस करते हैंं। उनको अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सारे तरीको का ज्ञान मिलता हैं। बच्चो को खेल — कूद करने का बहुत फायदा मिलता हैं। खेल — कूद करने से बच्चो को मानसिक और शरीारिक विकास होता हैं।
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बच्चो के मन को शांत रखने के लिए बहुत जरूरी
खेल — कूद करते समय बच्चो का मन बहुत ही खुश हो जाता हैं। बच्चे खेलते समय अपनी सारी परेशनियो को भूलकर अपने मन को खुश पाते हैं। जिससे उनका मन कभी भी अशांत नही होता है। जिससे बच्चो को अपने जीवन में कई प्रकार की जानकारियो का अनुभाव मिलता है।
बच्चो के जीवन पर पडता है बुरा प्रभाव
माता—पिता अक्सर अपने बच्चो को खेलने के मना करते हैं। लेकिन ऐसा नही करना चहिए। बच्चो का जितना पढना जरूरी है उतना खेलना भी जरूरी होता है। सिर्फ पढाई में बच्चो को डालने से बच्चो को जीवन को अनांद नही मिलता हैं। जिससे बच्चो के जीवन पर बुरा प्रभाव पडता हैं।