लखनऊ के काकोरी क्षेत्र में गोबर के कारण गंदगी और बीमारियों का खतरा बढा
लखनऊ के काकोरी थाना क्षेत्र वर्मा हॉस्पिटल के पीछे लाखों की संख्या में घरों के अंदर अवैध तरीके से भैंस पालन का काम किया जा रहा हैं।जबकि भैंस का गोबर बहते हुए बड़े-बड़े नालों में जाकर जम जाता है। जिसके कारण नाला पूरी तरह ब्लॉक हो जाता है जिससे पानी निकलने की होती है ,समस्या सड़कों पर गोबर भर जाता है। गोबर के साथ गंदा पानी सड़कों पर बहता है। लेकिन नगर निगम के उच्च अधिकारियों ने साधी चुप्पी रखी हुई
lucknow
2:43 PM, Dec 22, 2025
Share:


काकोरी क्षेत्र में गोबर के कारण बिमारियों का खतरा बढा सौ 0 RExpress भारत
उत्तर प्रदेश। लखनऊ के काकोरी थाना क्षेत्र वर्मा हॉस्पिटल के पीछे लाखों की संख्या में घरों के अंदर अवैध तरीके से भैंस पालन का काम किया जा रहा हैं।जबकि भैंस का गोबर बहते हुए बड़े-बड़े नालों में जाकर जम जाता है। जिसके कारण नाला पूरी तरह ब्लॉक हो जाता है जिससे पानी निकलने की होती है ,समस्या सड़कों पर गोबर भर जाता है। गोबर के साथ गंदा पानी सड़कों पर बहता है। लेकिन नगर निगम के उच्च अधिकारियों ने साधी चुप्पी रखी हुई है।
गोबर के कारण सडके ब्लॉक
गोबर के कारण पूरी तरह ब्लॉक पड़े हैं, नाले सड़कों पर भरा गंदा पानी क्षेत्रीय निवासी व स्कूली बच्चे गंदगी में निकलने को मजबूर तो वही काकोरी मोड़ के पास वर्मा हॉस्पिटल के पीछे नगर निगम के अंतर्गत बड़ी तादाद में घरो के अंदर बंधी भैंसें जिसके कारण पूरे क्षेत्र में सड़कों पर भरा गोबर बनता जा रहा है। सूत्रो के अनुसार, बीमारियों का कारण क्षेत्रीय निवासियों का घर के बाहर निकलना हुआ दूभर कल्याण सिंह वार्ड में कई घरों के अंदर भरा गोबर है।
क्षेत्र में फैले गोबर से बढा बीमारियों का खतरा जिम्मेदार कौन
नगर निगम के द्वारा सख्त आदेश के बावजूद भी नगर निगम जोन के अंतर्गत क्षेत्र में लाखों की संख्या में काकोरी मोड़ के आसपास घरों के अंदर बंधी भैंसें नगर निगम कर्मचारियों के द्वारा भैंस कारोबारियों के ऊपर दिखावे की की जाती है। कार्यवाही मामले को रफा दफा करके छोड़ दिया जाता है। जिसका खामियाजा भुगत जतना कर रही है।
अवैध भैंसों को जब्त किया
स्थानीय लोगों की शिकायत के बाद नगर निगम ने कार्रवाई करते हुए अवैध भैंसों को जब्त किया और नालियों में गोबर बहाने पर रोक लगाई, लेकिन यह समस्या अब भी जारी है, जिससे मच्छर जनित बीमारियां फैलने की आशंका है, और नगर निगम को लगातार निगरानी रखनी होगी।

