मूर्ति विसर्जन में डूबे युवक का शव 24 घंटे बाद मिला ,मौके पर ग्रामीणों की भीड़
लखनऊ के बख्शी का तालाब स्थित चन्द्रिका देवी मंदिर के पीछे मझउवा घाट पर बृहस्पतिवार की शाम पांच बजे बाराबंकी के पडरी निवासी 20 वर्षीय अभय मूर्ति विसर्जन के दौरान गोमती नदी में डूब गए। उनके तीन साथियों को स्थानीय मछुआरों ने पानी से बाहर निकाल लिया।लेकिन जब अभय का कोई पता न चल सका तो उसकी गोमती में तलाश शुरु हुई।
lucknow
7:49 PM, Oct 3, 2025
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उत्तर प्रदेश ।लखनऊ के बख्शी का तालाब स्थित चन्द्रिका देवी मंदिर के पीछे मझउवा घाट पर बृहस्पतिवार की शाम पांच बजे बाराबंकी के पडरी निवासी 20 वर्षीय अभय मूर्ति विसर्जन के दौरान गोमती नदी में डूब गए। उनके तीन साथियों को स्थानीय मछुआरों ने पानी से बाहर निकाल लिया।लेकिन जब अभय का कोई पता न चल सका तो उसकी गोमती में तलाश शुरु हुई। पुलिस के मुताबिक रात दो बजे तक तलाशी अभियान चलाने के बाद शुक्रवार सुबह से फिर अभियान चालू किया गया। इसके बाद शाम लगभग साढे छह बजे शव को एसडीआरएफ की टीम ने गोमती से बरामद किया।
पुुलिस ने कहा मंझीघाट लेकिन पहुंच गए मझउवा घाट
मृतक अभय के छोटे भाई उदय ने पुलिस को बताया कि,अभय ने शारदीय नवरात्रि पर घर में माता रानी स्थापित किया था। बृहस्पतिवार को छोटा हाथी डाला पर ग्रामीणों ने के साथ मिलकर मूर्ति विसर्जन के लिए बीकेटी के चन्द्रिका देवी मंदिर पर आया था। लेकिन भीड़ अधिक होने की वजह से पुलिस ने डाला मंझी मोड के पास रुकवा दिया। इसके बाद सभी को विसर्जन के लिए मझीघाट पर पैदल जाने के लिए कहा गया।
मंझीघाट की जगह पहुंच गए मझउवा घाट चन्द्रिका देवी मंदिर के पीछे
बीकेटी प्रभारी निरीक्षक संजय सिंह ने बताया कि,यह सभी मझीघाट जाने की वजह चोरी छिपे डाला लेकर हनुमान गढी रोड होकर चन्द्रिका देवी मंदिर के पीछे मझउवा घाट पर आ गए। यहां पर उनके साथ में 20—25 लोग थे। यह सभी नाव की बजाय तैरकर नदी में मूर्ति विसर्जन के लिए उतर गए।लेकिन गोमती का यह घाट काफी गहरा कहा जाता है। फिर गोमती के पानी का यहां पर बहाव भी अधिक है। इसमें से कुछ लोग तो बहने लगे। जिनको स्थानीय गोताखोरों ने बाहर निकाला।
बाहर निकले तो अभय को खोजने लगे
सभी जब बाहर आ गए तो अपने बीच अभय को न पाकर उसे खोजने लगे।लेकिन तबतक अभय पानी में डूब चुका था। इसकी खबर चन्द्रिका देवी मंदिर पर मौजूद पुलिस टीम को दी गयी। मौके पर स्थानीय गोताखोरों की टीम केा बुलाया गया। उन्होने अंधेरा होने तक नदी के आसपास पानी में उतरकर अभय की तलाश करी।लेकिन कोई पता नही चल सका। लेकिन इसके बाद भी रात दो बजे तक रेस्क्यू अभियान चलाया गया।
सुबह से एसडीआरएफ ने संभाला मोर्चा
शुक्रवार की सुबह से एसडीआरएफ की टीम दो बोट और गोताखोर के साथ गोमती नदी के लगभग पांच किमी क्षेत्र में अभय के शव की खोजबीन करने लगी। गोताखोरों ने कई बार आक्सीजन सिलेण्डर के साथ गोमती नदी की गहराई में शव की तलाश किया।यह तलाशी अभियान घाट से लेकर दो सौ मीटर के क्षेत्र में चलाया गया। शाम को लगभग साढे छह बजे अभय का शव गोमती नदी से बाहर निकालाा गया। जिसे पोस्टामार्टम के लिए भेज दिया है