सरकारी स्कूलों के मर्जर को लेकर लखनऊ में प्रदर्शन, राज्यपाल को नामिल 4 सूत्रीय ज्ञापन एसडीएम को सौपा
प्रदेश में 27000 सरकारी विद्यालयों की बन्दी(कथित मर्जर)के खिलाफ ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन्स( ऐक्टू) के राज्य व्यापी आवाह्न पर बुधवार को बीकेटी तहसील परिसर में ऐक्टू कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन और नारेबाजी किया।
UTTAR PRADESH
1:27 PM, Jul 2, 2025
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बीकेटी में प्रदर्शन करती आल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन्स( ऐक्टू) के कार्यकर्ता सौ0 RExभारत
उत्तर प्रदेश। लखनऊ। प्रदेश में 27000 सरकारी विद्यालयों की बन्दी(कथित मर्जर)के खिलाफ ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन्स( ऐक्टू) के राज्य व्यापी आवाह्न पर बुधवार को बीकेटी तहसील परिसर में ऐक्टू कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन और नारेबाजी किया। प्रदेश के राज्यपाल को नामित 4 ज्ञापन सूत्रीय ज्ञापन उपजिलाधिकारी सतीश चन्द्र त्रिपाठी को सौंपा गया है।
सरकार प्रदेश को बर्बादी की ओर ढकेल रही
ऐक्टू के जिला मंत्री का0 कुमार मधुसूदन मगन और उत्तर प्रदेश मिड- डे -मील वर्कर्स यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष कमला गौतम के नेतृत्व में ऐक्टू कार्यकर्ताओं ने सरकार विरोधी नारे बाजी करते हुए तहसील परिसर में जोर प्रदर्शन किया।सभा को संबोधित करते हुए कुमार मधुसूदन मगन ने योगी सरकार की जनविरोधी नीतियों की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि योगी सरकार प्रदेश को बर्बादी की ओर ढकेल रही है।
शिक्षकों के साथ रसोईयों का छिन जाएगा रोजगार
कमला गौतम ने कहा कि सरकार रोजगार और शिक्षा से बंचित करने के लिए 27000स्कूलों को बन्द करने पर आमादा है। जिसे किसी भी क़ीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। स्कूलों की बन्दी के चलते न सिर्फ अध्यापकों का रोजगार छिनेगा बल्कि हजारों की संख्या में मिड डे मील वर्कर्स रोजी-रोटी से बंचित हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि रसोइया बेहद ही गरीब समाज से आते हैं।उन्हें कर्मचारी घोषित करने की बजाय यह सरकार उनके परिजनों तक को बर्बाद करने पर आमादा है।
प्रदर्शन में यह रहे शामिल
सभा को सम्बोधित करते हुए किसान महासभा के जिला संयोजक छोटे लाल रावत ने 9 जुलाई की राष्ट्रव्यापी हड़ताल को सफल बनाने की अपील की है। कार्यक्रम में निर्माण मजदूर यूनियन के नेता रमेश शर्मा,रामसेवक रावत, सुशीला शर्मा, सावित्री, सपना, रानी, लज्जावती,मनसूरा, दुर्गा, प्रीति, सरोजिनी,राजू आदि लोग सामिल थे। ज्ञापन में विद्यालयों की बन्दी पर रोक लगाने तथा मिड डे मील वर्कर्स की सेवाओं में निरन्तरता रखने की मांग की गई।