यूपी में 80 हजार कोटेदारों की दीवाली रही फीकी,तीन माह का कमीशन
उत्तर प्रदेश।लखनऊ। प्रदेशवासियों को राशन का वितरण करके भाजपा सरकार की उपलब्धियों में सहयोगी 80 हजार कोटेदारों की उम्मीद से भरी दीवाली अंधेरे में होगी। कमीशन बढोतरी को लेकर लगातार संघर्श कर रहे कोटेदारों को उम्मीद थी कि,जिस प्रकार से यूपी में सीएम सभी को दीवाली का बोनस दे रहे है कम से कम कोटेदारों पर अपना हाथ जरूर रखेंगे।लेकिन सोमवार 20 अक्टूबर की शाम तक घंटी बजने का इंतजार करते कोटेदारों को मायूसी
lucknow
6:11 PM, Oct 20, 2025
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कोटेदारों का दर्द आखिर कौन सुनेगा
उत्तर प्रदेश।लखनऊ। प्रदेशवासियों को राशन का वितरण करके भाजपा सरकार की उपलब्धियों में सहयोगी 80 हजार कोटेदारों की उम्मीद से भरी दीवाली अंधेरे में होगी। कमीशन बढोतरी को लेकर लगातार संघर्श कर रहे कोटेदारों को उम्मीद थी कि,जिस प्रकार से यूपी में सीएम सभी को दीवाली का बोनस दे रहे है कम से कम कोटेदारों पर अपना हाथ जरूर रखेंगे।लेकिन सोमवार 20 अक्टूबर की शाम तक घंटी बजने का इंतजार करते कोटेदारों को मायूसी हाथ लगी है।
कोटेदारों पर संकट बरकरार
आल इंडिया फेयर प्राइस शॉप डीलर्स फेडरेशन उप्र के बख्शी का तालाब इंकाई के महामंत्री अंशु शुक्ला कहते है कि,बीकेटी सरायदामू के कोटेदार ओमप्रकाश सिंह ने बीते दिनों अपना इस्तीफा एसडीएम बीकेटी को सौप दिया है। पिछले 38 साल से सरकारी उचित दर विक्रेता का काम करने वाले ओमप्रकाश ने भी कमीशन से अधिक बोझ होने और पल्लेदारी,भाडा मोबाइल रीचार्ज आदि समस्याओं को लेकर अपना इस्तीफा दिया था। कोटेदारों की समस्याओं का निस्तारण नही हो पा रहा है। उन पर संकट बरकरार है।
आखिर कौन सुनेगा कोटेदारों का दर्द
कोटेदार देश के अन्य राज्यों की भांति यूपी के कोटेदारों के लिए लाभांश तय करने की मांग को लेकर पिछले काफी समय से मांग कर रहे है। अभी पिछले माह कोटेदारों ने लखनऊ स्थित जवाहर भवन का घेराव किया था। जिसमें प्रदेश भर से कोटेदारो ने भाग लिया था। शासन ने यहां पर संगठन के उच्चपदाधिकारियेां से वार्ता करके कोटेदारो को आस्वासन का कटोरा थमा दिया था।लेकिन निर्णय कोई नही आया जिससे कोटेदार परेशान है कि अपना दर्द किसको सुनाएं।
आखिर कब तक बर्दाश्त करेंगे कोटेदार
संगठन की बख्शी का तालाब इकाई के उपाध्यक्ष विजयपाल सिंह कहते है कि, महंगाई दिन पर दिन बढती जा रही है। मजदूरी से लेकर भाड़ा तक में बढ़ोतरी हो चुकी है। कोटेदार कहां तक अपना खेत पात बेंचकर वितरण करेगा। सरकार द्वारा जारी वितरण की हर पारदर्शिता पर हम खरे उतरते है। कोविड में कोटेदारों ने सरकार का पूरा सहयोग किया लेकिन हमारा दर्द भी तो कोई सुनने वाला होना चाहिए।