महिला पीड़िताओं का बयान महिला पुलिसकर्मी लेंगी - डीजीपी राजीव कृष्ण ने जारी किया आदेश
इलाहाबाद हाईकोर्ट के सख्त निर्देशों के बाद डीजीपी राजीव कृष्ण ने एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। जिसमें महिला पीड़ितों के बयान दर्ज करने के संबंध में नए दिशानिर्देश दिए गए हैं। बताया जा रहा है कि, महिला पीड़ितों के बयान अब केवल महिला पुलिस अधिकारी या महिला अधिकारी ही दर्ज करेंगी। पीड़िता का बयान उसके घर या उसके द्वारा बताए गए किसी भी इच्छित सुरक्षित स्थान पर लिया जाएगा।
uttar pradesh
7:18 PM, Dec 1, 2025
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महिला पीड़िताओं का बयान महिला पुलिसकर्मी लेंगी सौ0 RExpresss भारत
उत्तर प्रदेश। इलाहाबाद हाईकोर्ट के सख्त निर्देशों के बाद डीजीपी राजीव कृष्ण ने एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। जिसमें महिला पीड़ितों के बयान दर्ज करने के संबंध में नए दिशानिर्देश दिए गए हैं। बताया जा रहा है कि, महिला पीड़ितों के बयान अब केवल महिला पुलिस अधिकारी या महिला अधिकारी ही दर्ज करेंगी। पीड़िता का बयान उसके घर या उसके द्वारा बताए गए किसी भी इच्छित सुरक्षित स्थान पर लिया जाएगा। ताकि,महिला किसी भी प्रकार की मानसिक या शारीरिक परेशानी का सामना न करना पड़े और वो किसी से भी बिना डरे अपना बयान दे सके।
बयान दर्ज करने की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराना अनिवार्य
सूत्रो के मुतबिक, बयान दर्ज करने की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराना अनिवार्य होगा। जिससे मामले में पारदर्शिता बनी रहे और निष्पक्षता सुनिश्चित हो सके।यह कदम महिला पीड़ितों को न्याय दिलाने की प्रक्रिया को बेहतर बनाने और उन्हें पुलिस स्टेशन के माहौल से बचाने के उद्देश्य से उठाया गया है। इस फैसले के बाद महिलाओ को सुरक्षित महसूस होगा। क्योकि,कई बार जब महिलाओ को बयान देने के लिए बुलाया जाता है। तब वो पुरूष पुलिस के सवालो से भयभीत हो जाती है और डर की वजह से अपने मन की बात खुलकर नही बता पाती है। जिससे पुलिस को सही मार्ग दर्शन नही मिल पाता है और कार्यवाही करने में समस्याएं होती है।
नियम का उल्लघंन करने पर सख्ती से कार्यवाही
बताया जा रहा है कि,सभी पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि ,महिला पीड़ितों के मामलों को अत्यंत संवेदनशीलता से निपटा जाए। शिकायतों पर तत्काल एफआईआर दर्ज की जाए और मामले में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अगर कोई भी लापरवाही सामने आती है तो प्रशासन के द्वारा सख्ती से कार्यवाही की जाए। जिस पर कोई भी रहम नही होने की उम्मीद होगी।
पीडित महिलाओ को मिला न्याय
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जांच अधिकारियों को अनावश्यक रूप से पीड़िता का दूसरा बयान दर्ज करने से बचने का निर्देश दिया गया है। खासकर मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज होने के बाद जन शिकायतों से संबंधित मामलों में पीड़ितों के साथ संवेदनशील व्यवहार किया जाना चाहिए और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। यह कदम इलाहाबाद हाईकोर्ट की उन टिप्पणियों के बाद उठाए गया है। जिनमें कोर्ट ने पाया था कि,पुलिस अधिकारी अक्सर कानून के अनिवार्य प्रावधानों का सही अर्थों में पालन नहीं कर रहे थे।

