लखनऊ में फल पटटी की बफर जोन में फलदार बागों पर चल रहा अंधाधुंध आरा
लखनऊ की फलपटटी मलिहाबाद है जिसमें बख्शी का तालाब क्षेत्र का भी हिस्सा आता है। यह फलपटटी आम के बेहरीन किस्मों के उत्पादन और स्वाद के लिए पूरे विश्व में मशहूर है।लेकिन इसका दयरा लगातार सिकुडता जा रहा है। आम के बागों की अंधाधुंध कटान ने फल पटटी के आस्तित्व पर भी संकट खड़ा कर दिया है। फल पटटी के बफर जोन में लगातार फलदार पेंडों को अवैध तरीके से काटा जा रहा है।
lucknow
11:25 AM, Oct 8, 2025
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इटौंजा में आम के बागों पर चल रहा आरा सौ0 RExभारत
उत्तर प्रदेश।लखनऊ की फलपटटी मलिहाबाद है जिसमें बख्शी का तालाब क्षेत्र का भी हिस्सा आता है। यह फलपटटी आम के बेहरीन किस्मों के उत्पादन और स्वाद के लिए पूरे विश्व में मशहूर है।लेकिन इसका दयरा लगातार सिकुडता जा रहा है। आम के बागों की अंधाधुंध कटान ने फल पटटी के आस्तित्व पर भी संकट खड़ा कर दिया है। फल पटटी के बफर जोन में लगातार फलदार पेंडों को अवैध तरीके से काटा जा रहा है। उद्यान और वन विभाग भी मानकों को विमुख होकर आंखबंदकर परमिट जारी कर रहे है।

इटौंजा में आम के बागों को काटकर लकडी लादते मजदूर सौ0 RExभारत
पशु आश्रय केन्द्र के पीछे चला बाग पर आरा
इटौंजा में सआदतनगर गढा पशु आश्रय केन्द्र के पीछे स्थित दीनदयाल के आम की बाग पर आरा चलाया गया। यहां पर आम,गूजर और जामुन के बाग उजाड दिए गए। कटान पर जब कुछ जागरुक प्रकृति प्रेमियों ने पर मरमिट की मांग करी तो वहां पर कटान करवाने वाले ने सीधे जवाब दे दिया कि, वन विभाग से बात हो चुकी है। लकड़कटटा शेखर ने सभी को मैनेज कर रखा है।

आम,जामुन और गूलर के पेंडों को काटकर बना दिया मैदान सौ0 RExभारत
वन विभाग के अधिकारी से बात करते ही बोतली हुई बंद
आम के बाग के कटान के लिए जो राकेश अभी तक परमिट और सेटिंग से कटान की बात कह रहा था वही राकेश वन विभाग के अधिकारी का फोन आते ही खामोश हो गया जैसे की उसकी जुबान चिपक गयी हो।लेकिन पेंड़ों की कटान फिर भी बंद न हुई। पेंडों पर कंगूरे की तरह रस्सी के सहारे लटके मजूदर बड़ी सजगता से पेट्रोल चलित आरी से ऊपर से नीचे पेंडों का काटते हुए उतर रहे थे।जैसे की आज ही धरती की हरियाली को उजाड़कर उसे मंगल ग्रह के बरामर करने की मुहिम चला रहे हो।

आम के बाग में पट्रोल चलित आरा से पेंडकाटकर गिराता मजदूर और साथी सौ0 RExभारत
बढ़ने की बजाय सिकुड गया आम के बागों का दायरा
फलपटटी के अधिनियम के अनुसार बख्शी का तालाब के 82 गांव 1992 तक फलपटटी का क्षेत्रफल फैला था। लेकिन इसके बाद ना तो क्षेत्रफल का दोबारा परसीमन हुआ और ना ही बढाने की कोई कवायद।हां आम के बागों का कटान जरुर चल रहा है जिससे इनका दयरा लगातार सिकुडता जा रहा है।कंक्रीट का जंगल का फैलाव बढता जा रहा है।