इंडियन टेक्टोनिक प्लेट अंदर से टूटी, साउथ एशिया में भूकंप, सुनामी और लैंडस्लाइड का खतरा बढ़ा
इंडियन टेक्टोनिक प्लेट वास्तव में तिब्बत के नीचे क्षैतिज रूप से दो परतों में विभाजित हो रही है। यह प्रक्रिया 'सबडक्शन' (एक प्लेट का दूसरी के नीचे जाना) से अलग है, जिसे भूवैज्ञानिक 'डीलेमिनेशन'कह रहे हैं। इस मामले को लेकर वैज्ञानिको के बीच चिंता का विषय का बना हुआ है।
tibet
12:16 PM, Dec 26, 2025
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SKETCH BY- ( MEDIA GROUP )
उत्त्र प्रदेश। इंडियन टेक्टोनिक प्लेट वास्तव में तिब्बत के नीचे क्षैतिज रूप से दो परतों में विभाजित हो रही है। यह प्रक्रिया 'सबडक्शन' (एक प्लेट का दूसरी के नीचे जाना) से अलग है, जिसे भूवैज्ञानिक 'डीलेमिनेशन'कह रहे हैं। इस मामले को लेकर वैज्ञानिको के बीच चिंता का विषय का बना हुआ है।
तीव्रता के भूकंप आने की आशंका बढ़ी
प्लेट के टूटने से हिमालयी क्षेत्र और दक्षिण एशिया में अत्यधिक तीव्रता के भूकंप आने की आशंका बढ़ गई है। जियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ अमेरिका की रिपोर्ट के अनुसार, यह विभाजन नए फॉल्ट जोन (दरारें) पैदा कर सकता है। अगर भूकंप का केंद्र हिंद महासागर के तटीय क्षेत्रों या समुद्री प्लेट की सीमाओं के पास होता है। तो यह 2004 जैसी विनाशकारी सुनामी को जन्म दे सकता है।
इन राज्यो में तबाही का खतरा
बताया जा रहा है कि, प्लेटों के घर्षण और टेक्टोनिक हलचल से हिमालयी राज्यों जैसे कि, उत्तराखंड, हिमाचल और नेपाल की चट्टानें कमजोर हो रही हैं। जिससे भारी भूस्खलन का खतरा बढ़ रहा है।इस प्रक्रिया के कारण तिब्बत के पठार की ऊंचाई और संरचना में भी बदलाव आ सकता है। जिससे लोगो की बर्बादी की ओर ले जा रहा है। क्योकि,अगर यह डर सच हो गया तो चोरो ओर सिर्फ तबाही ही तबाही दिखाई देगी।

