भोले भाव के भूखे,भक्ति भाव से नन्हे बच्चों ने सावन में मिटटी से तैयार किया शिवलिंग
सावन माह में पूरा वातावरण शिवमय हो चला है। चारों तरफ ओम नम: शिवाय,बम भोले और हर हर महादेव के जयघोष है। काशी से लेकर रामेश्वरम तक,केदारनाथ से बद्रीनाथ तक बाबा बर्फानी के दरबार में भी महादेव के भक्त उनकी अनन्त भक्ति में डूबे है। भोले के नन्हे भक्तों ने अपने हाथों से मिटटी का शिवलिंग बनाकर महादेव को प्रसन्न कर दिया। इन बच्चों के हाथ का बना शिवलिंग का फोटो सोशल मीडिया पर खूब वाहवाही बटोर रहा है और नन्हे शिवभक्तों की हरकोई तारीफ कर रहा है।
UTTAR PRADESH
2:26 PM, Jul 11, 2025
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नन्हे शिवभक्तों ने किया कमाल,बना डाला मिट्टी का शिवलिंग सौ0 सोशल मीडिया
उत्तर प्रदेश।लखनऊ। सावन माह में पूरा वातावरण शिवमय हो चला है। चारों तरफ ओम नम: शिवाय,बम भोले और हर हर महादेव के जयघोष है। काशी से लेकर रामेश्वरम तक,केदारनाथ से बद्रीनाथ तक बाबा बर्फानी के दरबार में भी महादेव के भक्त उनकी अनन्त भक्ति में डूबे है। भोले के नन्हे भक्तों ने अपने हाथों से मिटटी का शिवलिंग बनाकर महादेव को प्रसन्न कर दिया। इन बच्चों के हाथ का बना शिवलिंग का फोटो सोशल मीडिया पर खूब वाहवाही बटोर रहा है और नन्हे शिवभक्तों की हरकोई तारीफ कर रहा है।
सुधन्वा कुंड के बीच विराजे चन्द्रिकेश्वर महादेव,पहले दिन से हर हर महादेव
प्रसिद्ध शिव मंदिरों पर तो शिव भक्तों की भीड पहुचती है लेकिन कई ऐसे महादेव के स्थापित स्थान है जहां का आकर्षण शिव भक्तों को खीचकर वहां पहुचा देता है। इनमें से है चन्द्रिका देवी के सुधन्वा कुंड में स्थापित चंद्रिकेश्वर महादेव,कंड के बीच विराजे महादेव की सुन्दर प्रतिमा अपनी उंचाई और खूब सूरती के लिए जानी जाती है। प्रदेश के अलावा कई राज्यों से आने वाले श्रद्धालु चन्द्रिका देवी का दर्शन करके चन्द्रिकेश्वर महादेव का भी आर्शिवाद प्राप्त करते है।
शिव के कमण्डल से होकर लौट गयी आदि गंगा मां गोमती
लखनऊ वासियों की लाइफलाइन कही जाने वाली आदि गंगा मां गोमती पांच साल में कम से कम एक बार आपना रौद्र रुप अवश्य दिखाती है। कई बार उनके विकराल स्वरुप से चन्द्रिका देवी मंदिर द्वीप बन गया। लेकिन जब से सुधन्वा कुंड में देवाधि देव चन्द्रिकेश्वर विराजे तब से आदि गंगा मां गोमती भी भोलेनाथ को प्रणाम करके उनके कमंण्डल से उपर नही गयी। अपना निर्मल जल उन्होने चन्द्रिकेश्वर महादेव के कमण्डल में भरने के बाद फिर अपना सामन्य रुप धारण कर लिया।