महिला ने पूर्व प्रमी पर दर्ज करवाया बलत्कार का झूठा मुकदमा,कोर्ट ने की सख्ती
लखनऊ के मोहनलालगंज थाना क्षेत्र में पूर्व प्रमी पर दुष्कर्म का झूठा आरोप लगाने वाली महिला पर कोर्ट के द्वारा सख्ती से फैसला लिया गया है। बताया जा रहा है कि,यह मामला झूठे यौन उत्पीड़न के मामलों के गंभीर परिणामों को उजागर करता है। आरोपी महिला रिंकी ने अपने पूर्व प्रेमी के खिलाफ झूठा दुष्कर्म और एससी-एसटी एक्ट का मामला दर्ज कराने के लिए 3.5 साल जेल की सजा सुनाई गई है। उस पर ₹30,000 का जुर्माना भी लगा
lcuknow
1:51 PM, Nov 19, 2025
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SKETCH BY- GOOGLE
उत्तर प्रदेश। लखनऊ के मोहनलालगंज थाना क्षेत्र में पूर्व प्रमी पर दुष्कर्म का झूठा आरोप लगाने वाली महिला पर कोर्ट के द्वारा सख्ती से फैसला लिया गया है। बताया जा रहा है कि,यह मामला झूठे यौन उत्पीड़न के मामलों के गंभीर परिणामों को उजागर करता है। आरोपी महिला रिंकी ने अपने पूर्व प्रेमी के खिलाफ झूठा दुष्कर्म और एससी-एसटी एक्ट का मामला दर्ज कराने के लिए 3.5 साल जेल की सजा सुनाई गई है। उस पर ₹30,000 का जुर्माना भी लगाया गया है। यह मामला उन सभी महिलाओ के लिए एक चेतावनी है कि,अगर आपके साथ कुछ भी गलत नही हुआ है और आप सिर्फ कानून के द्वारा दिए गए रक्षासूत्र के नाम पर किसी बेगुनाह व्यक्ति पर आरोप लगती है तो उसकी आपको भारी कीमत चुकानी पड सकती है क्योकि,यह बेहद ही गलत बात है। लोगो के द्वारा इस मामले की खूब निंदा की जा रही है। हर ओर इस मामले को लेकर तेजी से चर्चा हो रही है।
महिला ने कानूनी प्रक्रिया का गलत किया इस्तेमाल
बताया जा रहा है कि,आरोपी महिला ने सिर्फ कानूनी प्रक्रिया का गलत इस्तेमाल किया। महिला ने अपने पूर्व प्रमी पर वह आरोप लगाया जो उसने कभी किया ही नही। यह बहुत ही ज्यादा शर्मनाक बात है कि,हमारे समाज कुछ ऐसी छोटी सोच वाली औरते होती है। जो कानून के द्वारा दिए गए लाभो का गलत फायदा उठाती है। जब भी कोई भी महिला किसी के खिलाफ दुष्कर्म का आरोप दर्ज करती है। तब वो मामलो सिर्फ उसका निजी नही होता है। बल्कि देश की हर एक बेटी से जुड जाता है। क्योकि,दुष्कर्म का मामला बहुत ही नाजुक होता है। लेकिन कई महिलाएं अपने फायदे के लिए एक महिला होना का लाभ उठाती है और उसको सजा दिलाने की कोशिश करती है जो कि,बेगुनाह होता है। हमारे समाज में यह सोच होती है कि,अगर किसी भी महिला के साथ कोई गलत हरकत होती है तो उसमे किसी आदमी की गलती होती है लेकिन ऐसा हो जरूरी नही होता है। क्योकि,कई केस मे यह बात सबित हो चुकी है कि,महिलाएं भी गलत हो सकती है।
कोर्ट ने सख्ती से दी चेतावनी
कोर्ट के द्वारा आरोपी महिला रिंकी के माध्याम से यह बताया गया है कि,महिला होना कठिन काम होता है क्योकि,उस पर कई तरह की जातियाँ होती है। क्योकि,हमारे समाज में एक महिला होना बहुत ही बडी चिंता की बात होती है। एक महिला को कई सारी कठिनाईयो का सामना करना पडता है जिसके लिए काूनन प्रशासन के द्वारा उनके लिए कुछ खास छूटे दी जाती है। ताकि,महिला सुरक्षित रहे और बिना किसी डर के अपने साथ हुए घटनाओ के बारे मे कानून प्रशासन से इसांफ की मांग कर सके। लेकिन इसका यह मतलब बिल्कुल भी नही है कि,कोई महिला अपने निजी स्वार्थ के लिए कोर्ट का वक्त बेकार करे और झूठा मुकादमा दर्ज कराके एक निर्दोष को सजा दिलाए। कोर्ट के द्वारा सख्ती से निर्देश दिया गया है कि,अगर अगली बार किसी महिला ने अपने हको का गलत फायदा उठाकर हंगामा करके समाज मे गलत प्रेरणा बनने की कोशिश की तो उस पर सख्ती से कार्यवाही होगी और बहुत ही ज्यादा जुर्माना लिया जाएगा।

