महानवमी पर माँ सिद्धिदात्री को प्रसन्न करने के उपाय,'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं सिद्धिदात्र्यै नमः'
नवरात्रि के अंतिम दिन यानी महानवमी पर माँ सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। माँ सिद्धिदात्री देवी दुर्गा की नौवीं और सबसे प्रमुख शक्ति हैं, और उन्हें 'सभी सिद्धियां प्रदान करने वाली माता' के रूप में जाना जाता है। उनकी पूजा से जीवन में समृद्धि, शांति और सुख की प्राप्ति होती है और यह भी माना जाता है कि, उनकी पूजा से सभी नवदुर्गाओं की पूजा का फल मिल जाता है।
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12:12 PM, Oct 1, 2025
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SKETCH BY- GOOLGE
उत्तर प्रदेश।नवरात्रि के अंतिम दिन यानी महानवमी पर माँ सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। माँ सिद्धिदात्री देवी दुर्गा की नौवीं और सबसे प्रमुख शक्ति हैं, और उन्हें 'सभी सिद्धियां प्रदान करने वाली माता' के रूप में जाना जाता है। उनकी पूजा से जीवन में समृद्धि, शांति और सुख की प्राप्ति होती है और यह भी माना जाता है कि, उनकी पूजा से सभी नवदुर्गाओं की पूजा का फल मिल जाता है। भक्तो के द्वारा मां की पूजा बडे ही विश्वास और प्रेम से की जाती है। लोग अपनी मान्याताओ के अनुसार मां की आखिरी बिदाई करते है। लोगो के मन में मां के प्रति विश्वास अटूट होता है।
क्या करना चहिए आपको
लोगो के द्वारा नवरात्रि के नौवें दिन माँ सिद्धिदात्री की पूजा करनी चाहिए। साथ ही नौ कन्याओं का कन्या पूजन और दुर्गासप्तशती का पाठ भी करना चाहिए। इस दिन देवी को लाल फूल और विशेष भोग जैसे — हलवा, पूरी और चने चढ़ाए जाते हैं। व्रत का पारण भी नवमी तिथि की समाप्ति के बाद किया जाता है। इस दिन मां दुर्गा के नौ स्वरूपों के प्रतीक के रूप में नौ कन्याओं को आमंत्रित करना चाहिए। कन्याओं को भोजन कराने के बाद दक्षिणा व उपहार आदि देकर पांव छूकर सम्मानपूर्वक विदा करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं।सह सब करने के बाद लोग अपना व्रत तोडते है।
कैसे पूजा करनी चहिए
शारदीय नवरात्रि की नवमी तिथि पर मां सिद्धिदात्री की साधना-आराधना करने के लिए साधक को सूर्योदय से पहले उठकर स्नान-ध्यान करना चाहिए.। इसके बाद मां सिद्धिदात्री की साधना और व्रत का संकल्प लेना चाहिए। फिर पूजा घर में मां सिद्धिदात्री का चित्र या मूर्ति रखकर उस पर पवित्र जल छिड़कना चाहिए। यह सब करने से आपकी पूजा सफल मानी जाती है।
क्या लाभ की होती है प्रप्ति
नौ दिन पूजा-पाठ करने से लोगों को कई लाभ मिलते हैं जैसे — जिनमें मन को शांति और संतोष, आत्मविश्वास में वृद्धि, सकारात्मक ऊर्जा, घर में सुख-समृद्धि और देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होना शामिल है। इसके अतिरिक्त, यह आध्यात्मिक और आत्मिक उन्नति का माध्यम बनता है, जिससे जीवन में संतुलन और सही निर्णय लेने में मदद मिलती है।
भक्तो की उमडी लंबी भीड
शारदीय नवरात्र का अंतिम दिन भिन्न मंदिरों में बहुत भीड़ होने की उम्मीद है, क्योंकि यह व्रत का पारण करने और अंतिम पूजा का दिन है। कुछ प्रमुख मंदिरों में, जहाँ नवरात्रि के अंत तक एक करोड़ से अधिक तीर्थयात्रियों के आने की उम्मीद है। वहाँ भीड़ सबसे ज्यादा होगी। कुछ मंदिरों में नवरात्र के आखिरी तीन दिनों में प्रति दिन एक लाख श्रद्धालु आने की उम्मीद है, जिससे पता चलता है कि, भीड़ कई गुना बढ़ जाएगी।