पर्यावरण असंतुलन को पौधे ही सुधार सकते है—एन के सिंह चौहान
बख्शी का तालाब इंटर कॉलेज में शनिवार को साप्ताहिक वन महोत्सव कार्यक्रम के तहत पौधे रोपे गए। पर्यावरण असंतुलन और घटते पेंड पौधे इस धरती के तापमान को कम कर सकते है। आंधाधुंध कटते जंगल और उसकी जगह पर कंकरीट के बढते जंगलों ने हमारी धरती के तापमान को बढाने का काम किया है।
UTTAR PRADESH
2:32 PM, Jul 5, 2025
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पौध रोपण करते डॉ पिता हुसैन अंसारी,राजेन्द्र प्रताप सिंह,प्राचार्य प्रो गजेंद्र सिंह,डॉ दीप्ति श्रीवास्तव, डॉ लल्लन प्रसाद यादव, क्षेत्रीय वन अधिकारी अनुज प्रताप सिंह सौ0 मीडिया प्रभारी
उत्तर प्रदेश। लखनऊ। बख्शी का तालाब इंटर कॉलेज में शनिवार को साप्ताहिक वन महोत्सव कार्यक्रम के तहत पौधे रोपे गए। पर्यावरण असंतुलन और घटते पेंड पौधे इस धरती के तापमान को कम कर सकते है। आंधाधुंध कटते जंगल और उसकी जगह पर कंकरीट के बढते जंगलों ने हमारी धरती के तापमान को बढाने का काम किया है। इसके लिए जरुरी है कि,पौध रोपण ही बल्कि उनके संरक्षण पर भी बेहद ध्यान देना होगा। यह संदेश शनिवार को वृहद पौध रोपण कार्यक्रम में विद्यालय के अध्यक्ष फिदा हुसैन अंसारी,प्रबंधक एन के सिंह चौहान ने दिया है।
इन्होने लगाए पौधे और स्टूडेंट ने ली संरक्षण की जिम्मेदारी
एडवोकेट आर पी सिंह, विद्यालय प्रधानाचार्य अशोक कुमार बाजपेई तथा क्षेत्रीय वन अधिकारी अनुज प्रताप सिंह एवं पक्षी प्रेमी महेश साहू,राजेश उपाध्याय पन्नालाल गुप्ता,अध्यापक अनिल गोतम,अनूप कुमार त्रिपाठी,विवेक कुमार तथा विज्ञान अध्यापक हरिश्चंद्र सिंह स्टूडेंट के साथ मिलकर पौधे लगाए। प्रधानाचार्य अशोक बाजपेई ने कहा कि,कि हम पौधे तो हर वर्ष रोपते है लेकिन इनको संरछित करना सबसे बडी चुनौती है। इसलिए रोपाई के साथ साथ संरक्षण भी जरुरी है। इस दौरान भगवती चौक पर रोपे गए औषधीय,हरियाली,फलदार और फूलदार पौधों को संरछित करने के लिए स्टूडेंट ने जिम्मेदारी ली है।
पौधे केवल पर्यावरण ही नही घटते जलस्तर को बढाने में भी सहायक
डॉ सत्येंद्र कुमार सिंह कहते है कि,आम की देसी प्रजातियां,देसीबेल,कैथा,जामुन,बालम खीरा, इमली, महुआ एवं नीम के पेड़ निरंतर समाप्त होते जा रहे हैं। इनकी संख्या बढ़ाने की जरूरत है,क्योंकि आज के समय में जलस्तर बहुत नीचे जा रहा है। इसे रोकने के लिए वृक्ष ही एक बड़ा माध्यम है।