प्रधानमंत्री मोदी मिशन 2047 में विकसित भारत,उ.प्र. कृषि अनुसंधान परिषद के 36वें स्थापना दिवस पर बोले सीएम योगी
सीएम योगी ने कहा है कि, उत्तर प्रदेश कृषि एवं कृषि अनुसंधान की दृष्टि से प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध है। प्रदेश के पास विस्तृत एवं उर्वरक कृषि भूमि एवं पर्याप्त जल संसाधन है। उत्तर प्रदेश विश्व में एक मात्र ऐसा भू-भाग है जिसकी 46 प्रतिशत भूमि सिंचित है। इसके साथ ही केन्द्र एवं प्रदेश सरकार का बेहतरीन तंत्र प्रदेश की कृषि उन्नति का कार्य कर रहा है। उत्तर प्रदेश में पूर्व से 04 कृषि विश्वविद्यालय संचालित है एवं पांचवां कृषि विश्वविद्यालय भी स्थापित हो रहा है।
UTTAR PRADESH
1:33 PM, Jul 22, 2025
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उ.प्र. कृषि अनुसंधान परिषद के 36वें स्थापना दिवस पर सम्बोधित करते सीएम योगी सौ0 परिषद
उत्तर प्रदेश। सीएम योगी ने कहा है कि, उत्तर प्रदेश कृषि एवं कृषि अनुसंधान की दृष्टि से प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध है। प्रदेश के पास विस्तृत एवं उर्वरक कृषि भूमि एवं पर्याप्त जल संसाधन है। उत्तर प्रदेश विश्व में एक मात्र ऐसा भू-भाग है जिसकी 46 प्रतिशत भूमि सिंचित है। इसके साथ ही केन्द्र एवं प्रदेश सरकार का बेहतरीन तंत्र प्रदेश की कृषि उन्नति का कार्य कर रहा है। उत्तर प्रदेश में पूर्व से 04 कृषि विश्वविद्यालय संचालित है एवं पांचवां कृषि विश्वविद्यालय भी स्थापित हो रहा है। केन्द्र सरकार द्वारा भी प्रदेश में कृषि विश्वविद्यालय संचालित हो रहे हैं एवं 15 से अधिक कृषि अनुसंधान के लिये कार्यरत संस्थान संचालित है। 89 कृषि विज्ञान केन्द्र भी प्रदेश में अपने-अपने स्थानों पर कृषि विशेषज्ञता का लाभ किसानों को प्रदान कर रहे हैं। इन सब के बावजूद अभी तक हमारे अन्नदाता किसानों की स्थिति बहुत चौंकाने वाली है। प्रदेश के बमुश्किल 25 प्रतिशत किसान ही वैज्ञानिक शोध एवं अनुसंधान को प्रभावी ढंग से अपनी खेती में लागू कर पा रहे हैं। मा. मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं बारम्बार यह कहता हूं और यह बात सच है कि देश की 16 प्रतिशत आबादी उत्तर प्रदेश में निवास करती है साथ ही यह भी सच है कि देश की कुल कृषि योग्य भूमि का 11 प्रतिशत उत्तर प्रदेश में है और यह भी सच है कि उस 11 फीसदी भूमि पर 20 फीसदी खाद्यान्न उत्पादन उत्तर प्रदेश कर रहा है।
उत्तर प्रदेश में देश ही नहीं बल्कि पूरे विश्व का पेट भरने की सामर्थ्य है
सीएम ने कहा कि उनका यह मानना है कि उत्तर प्रदेश की भूमि की उर्वरता, जल संसाधन को देखते हुये 03 गुना अधिक उत्पादन लिया जा सकता है लेकिन इसके लिये हमें कृषि शोध एवं विकास को आगे बढ़ाने के लिये पूरी प्रतिबद्धता से कार्य करना होगा। विश्व में वही देश विकसित हुये है जिन्होंने अधिकाधिक शोध एवं विकास पर ध्यान दिया। किसी ने अंतरिक्ष विज्ञान, किसी ने आई.टी. इलेक्ट्रानिक्स किसी ने एटोमिक्स साइंस में काम किया होगा अलग अलग क्षेत्र में कार्य कर उस क्षेत्र में विकास किया होगा। हमारा यह मानना है कि उत्तर प्रदेश में देश ही नहीं बल्कि पूरे विश्व का पेट भरने की सामर्थ्य है।प्रदेश की जलवायु एवं मृदा के अनुरूप शोध एवं विकास को बढ़ाने के लिये अपने आपको को तैयार करना होगा एवं लगातार प्रयास करना होगा। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री आदरणीय मोदी जी ने देशवासियों के सामने जो लक्ष्य तय किया है वह लक्ष्य 2047 में विकसित भारत का है।
तीन करोड़ किसान अकेले खेती पर निर्भर
उत्तर प्रदेश सर्वाधिक कृषि आधारित रोजगार देने वाला प्रदेश है।इस कार्य लगभग 3 करोड़ किसान अकेले खेती पर निर्भर हैं। कृषि के बाद दूसरा सबसे अधिक रोजगार देने वाला क्षेत्र एमएसएमई सेक्टर है जिसमें लगभग 1 करोड़ 65 लाख लोग कार्यरत है। कृषि लोगों के पलायन का कारण न बने बल्कि कृषि लोगों के जीवन में खुशहाली का माध्यम बने यह तभी संभव है जब हम कृषि क्षेत्र में किये जाने वाले अनुसंधान का लाभ किसान को दे पायेगें। मैं आशा करता हूं कि आज यहां पर आप सभी कृषि वैज्ञानिक अपने-अपने क्षेत्रों में किये गये कार्यों पर चर्चा करेंगे एवं उपकार के 35 वर्षों की उपलब्धियों एवं अनुभवों को साझां करेगंे एवं उसे किसी निष्कर्ष पर पहुचायेगें और आगामी विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने में उत्तर प्रदेश की भूमिका के लिये अपने आप को तैयार करेगें।
प्रदेश में बढा खाद्यान्न उत्पादन सूर्य प्रताप शाही
कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने कहा कि,उत्तर प्रदेश सरकार के प्रयासों के कारण 80 प्रतिशत भू-भाग सिंचित क्षेत्रों में आता है, विगत में यह प्रयास किया गया कि कृषि आच्छादन को बढ़ाया जाय। उन्होंने कहा कि 2024-25 के खरीफ सीजन में कृषि एवं उद्यान विभाग के प्रयासों से 14 लाख हे. क्षेत्रफल आच्छादित किया गया है। वर्ष 2024-25 में 725 लाख मिट्रिक टन का खाद्यान्न उत्पादन हुआ जो अपने आप में एक रिकार्ड है। मक्का कार्यक्रम संचालित किया गया जिसके परिणामस्वरूप इस वर्ष लगभग 5 लाख हे. क्षेत्रफल में मक्का उत्पादन हुआ। गौ आधारित प्राकृतिक खेती की परियोजना भी सम्मिलित है। उत्तर प्रदेश राज्य देश को दलहन व तिलहन में आत्मनिर्भर बनाने के लिये योगदान दे रहा है। उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ने से किसानों का मनोबल बढ़ा है।
सीएम योगी ने युवा वैज्ञानिकों को किया पुरस्कृत
डा. राजेन्द्र कुमार यादव, निदेशक प्रसार, चन्द्र शेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कानपुर
डा. राहुल कुमार सिंह, एस.एम.एस. (कृषि प्रसार), के.वी.के., वाराणसी
श्री आलोक कुमार सिंह (पीएच.डी. जैव प्रौद्योगिकी) आचार्य नरेन्द्र कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, अयोध्या
श्री अवधेश कुमार यादव (पीएच.डी. कृषि अभियंत्रण) सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, मेरठ
डा. सुप्रिया, सह प्राध्यापक कृषि अर्थशास्त्र विभाग, आचार्य नरेन्द्र कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, अयोध्या
डा. राजर्षि कुमार गौड़, प्राध्यापक, जैव प्रौद्योगिकी विभाग, दीन दयाल उपाध्याय, गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर।
डा. अनुष्का पाण्डेय (पीएच.डी. कृषि मौसम विज्ञान), आचार्य नरेन्द्र कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, अयोध्या
डा. अंकुर त्रिपाठी, (पीएच.डी. शस्य विज्ञान), आचार्य नरेन्द्र कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, अयोध्या
मा. कृषि मंत्री जी द्वारा उपकार के 05 कर्मठ कार्मिकों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
इस संगोष्ठी के संयोजक सचिव डा. परमेन्द्र सिंह, उपमहानिदेशक, उपकार थे तथा कार्यक्रम का संचालन