दुबग्गा क्षेत्र में हरियाली के दुश्मन बन बैठे प्रॉपर्टी डीलर,लोगो में भारी आक्रोश
लखनऊ के दुबग्गा थाना क्षेत्र में हरियाली को मिटाने की हर एक संभव कोशिश की जा रही है। बताया जा रहा है कि,एसएचएम हॉस्पिटल के पास अवैध कटान किए जाने का मामला सामने आया है। स्थानीय लोगों के अनुसार यहां लगातार पेड़ों की अवैध कटाई की जा रही हैं। जिसकी वजह से लोगो को बहुत ही ज्यादा समस्याओ को सामना करना पडता है। लोगो के बीच यह विषय बहुत ही तेजी से चर्चा में बना हुआ है।
lucknow
4:59 PM, Nov 27, 2025
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पेडो की अवैध रूप से कटाई को लेकर हंगाम सौ0 RExpress भारत
उत्तर प्रदेश। लखनऊ के दुबग्गा थाना क्षेत्र में हरियाली को मिटाने की हर एक संभव कोशिश की जा रही है। बताया जा रहा है कि,एसएचएम हॉस्पिटल के पास अवैध कटान किए जाने का मामला सामने आया है। स्थानीय लोगों के अनुसार यहां लगातार पेड़ों की अवैध कटाई की जा रही हैं। जिसकी वजह से लोगो को बहुत ही ज्यादा समस्याओ को सामना करना पडता है। लोगो के बीच यह विषय बहुत ही तेजी से चर्चा में बना हुआ है। क्योकि,इस तरह हरे — भरे पेडे की कटाई को लेकर लोगो के द्वारा चिंता व्यक्त की जा रही है।
कई बारे शिकायतो के बाद कोई नही एक्शन
इस मामले को लेकर लोगो का कहना है कि,कई बार वन विभाग को पेडो के कटने को लेकर शिकायत की गयी हैं। लेकिन अभी तक इस मामले को लेकर कोई भी कार्यवाही नही हो पायी है।सूत्रों के मुताबिक कुछ प्रॉपर्टी डीलर कथित रूप से ठेकेदारों को मुफ़्त को लकड़ी देकर अपनी साइट पर काम करवाने का खेल खेल रहे हैं।बताया जा रहा है कि ,इसी स्थान पर दो बार पहले भी अवैध कटान हो चुका है, लेकिन कोई कार्रवाई अभी तक नहीं हुई। जिसको लेकर लोगो के द्वारा प्रॉपर्टी डीलरों पर अवैध कटान के आरोप लगाया गया है। वही दूसरी ओर लोग थाने में चोरी की तहरीर देकर खुद को पीड़ित दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। इससे उनकी भूमिका और भी संदिग्ध हो गई है।स्थानीय निवासियों का आरोप है कि , अवैध कटान का जिम्मेदार खुद प्रॉपर्टी डीलर ही है जो कि, बाद में चोरी का बहाना बनाकर तहरीर दे रहा है।
सख्ती से कार्यवाही की मांग
अवैध तरीके से लगातार कटाई को लेकर लोग के द्वारा वन विभाग से सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है। क्योकि, पेड़ों के कटने से कई गंभीर नुकसान होते हैं।पेड़ कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करके ऑक्सीजन छोड़ते हैं। उनके न होने से वायुमंडल में ऑक्सीजन का स्तर कम हो जाता है।पेड़ ग्लोबल वार्मिंग को कम करने में मदद करते हैं। उनके कटने से ग्रीनहाउस गैसों का स्तर बढ़ता है, जिससे जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग तेज होती है।पेड़ बारिश में मदद करते हैं और पानी को सोखते हैं। उनके कम होने से सूखा और बाढ़ दोनों का खतरा बढ़ जाता है।पेड़ अपनी जड़ों से मिट्टी को बांधे रखते हैं। उनके कटने से मिट्टी का कटाव होता है, जिससे उपजाऊ भूमि बंजर हो जाती है।
इन सब से होगा भारी नुकसान
बताया जाता है कि,पेडो की ज्यादा कटाई की वजह से पेड़ कई वन्यजीवों के लिए भोजन और रहने का स्थान प्रदान करते हैं। उनके कटने से ये जीव बेघर हो जाते हैं और उनकी कई प्रजातियाँ विलुप्त होने के कगार पर पहुँच जाती हैं।पेड़ों पर निर्भर कई जीव-जंतुओं को भोजन और आश्रय नहीं मिल पाता, जिससे खाद्य श्रृंखला टूट जाती है। कई स्थानीय समुदाय भोजन, लकड़ी और अन्य उत्पादों के लिए पेड़ों पर निर्भर होते हैं। पेड़ों के कटने से उनकी आजीविका प्रभावित होती है।पुराने और बीमार पेड़, खासकर तेज़ हवाओं में, अपनी शाखाएं गिरा सकते हैं, जो लोगों के लिए खतरनाक हो सकती हैं।

