वीडियोहोम
Banner
Banner
Banner
बड़ी खबर/न्यूज़/shipra pathak brought the echo of indian environmental consciousness to london parliament

भारतीय पर्यावरण चेतना ​की गूंज,शिप्रा पाठक ने लंदन की संसद तक पहुंचाई

नई दिल्ली। भारत की सुप्रसिद्ध पर्यावरणविद, वाटर वुमन और पंचतत्व फाउंडेशन की संस्थापक शिप्रा पाठक ने ब्रिटेन की संसद में भारतीय जल संस्कृति और पर्यावरण संरक्षण के संदेश को ऐतिहासिक रूप से प्रस्तुत किया। लंदन की संसद के दोनों सदनों में उन्हें भारत की ओर से आमंत्रित वक्ता के रूप में सम्मानित किया गया।

lucknow

6:38 PM, Nov 21, 2025

Share:

भारतीय पर्यावरण चेतना ​की गूंज,शिप्रा पाठक ने लंदन की संसद तक पहुंचाई
logo

पर्यावरणविद शिप्रा पाठक ने ब्रिटेन की संसद में भारतीय जल संस्कृति और पर्यावरण संरक्षण का सदेश पहुंचाया सौ0REx भारत

Latest खबरों के लिए फॉलो करें:

Yt Icon

नई दिल्ली। भारत की सुप्रसिद्ध पर्यावरणविद, वाटर वुमन और पंचतत्व फाउंडेशन की संस्थापक शिप्रा पाठक ने ब्रिटेन की संसद में भारतीय जल संस्कृति और पर्यावरण संरक्षण के संदेश को ऐतिहासिक रूप से प्रस्तुत किया। लंदन की संसद के दोनों सदनों में उन्हें भारत की ओर से आमंत्रित वक्ता के रूप में सम्मानित किया गया।

Img

पर्यावरण संरक्षण आंदोलन को भारत से लेकर लंदन पहुंची शिप्रा पाठक सौ0 RExभारत

13 हजार किमी पैदल चलकर 55 लाख पौधे रोपे

उत्तर प्रदेश के बदायूं जनपद के दातागंज निवासी शिप्रा पाठक की पर्यावरण यात्रा अद्वितीय रही है। उन्होंने 13,000 किलोमीटर पैदल चलकर देशभर में 55 लाख पौधों का रोपण कराया और लाखों नागरिकों को पर्यावरण संरक्षण के लिए आंदोलित किया। उनके नेतृत्व में पंचतत्व फाउंडेशन ने नदी पुनर्जीवन को जनभागीदारी आधारित अभियान का स्वरूप दिया। इन्हीं उल्लेखनीय कार्यों के आधार पर ब्रिटिश संसद ने उन्हें विशेष रूप से आमंत्रित किया।अपने संबोधन में शिप्रा पाठक ने भारतीय सभ्यता के मूल विचार ‘वसुधैव कुटुंबकम’ का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत विश्व कल्याण को अपनी सांस्कृतिक जिम्मेदारी मानता है। उन्होंने चेताया कि बढ़ता जल संकट आने वाली पीढ़ियों के लिए गंभीर चुनौती बन सकता है,इसलिए विश्व को एकजुट होकर प्रयास करना होगा।

Img

नदियां केवल जल स्रोत नही बल्कि जीवन की इकाई है सौ0 RExभारत

नर्मदा,गंगा और गोमती प्राचीन धरोहार और जीवनधारा है

उन्होंने अपने भाषण में भारत की तीन प्रमुख नदियों का विशेष उल्लेख किया—नर्मदा, जिसे उन्होंने मध्य भारत की पवित्र पर्यावरणीय रीढ़ कहा, गंगा, जिसे उन्होंने आध्यात्मिक शक्ति और सांस्कृतिक निरंतरता की वाहक बताया; गोमती, जो उत्तर प्रदेश की प्राचीन धरोहर और जीवनधारा है; तथा उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति नदियों को केवल जल स्रोत नहीं, बल्कि जीवित इकाई मानकर उनकी पूजा करती है।सत्र के बाद ब्रिटिश सांसदों और पर्यावरण विशेषज्ञों ने शिप्रा पाठक के कार्यों को अत्यंत प्रेरणादायक बताते हुए भारत के नदी पुनर्जीवन मॉडल की सराहना की। उन्होंने भारत की जनभागीदारी आधारित पर्यावरणीय पद्धतियों में गहरी रुचि दिखाई।

Img

भारत की नदियां लंदन की थेम्स नदी जैसी क्यों नही हो सकती सौ0 RExभारत

भारत ​​में भी लंदन थेम्स नदी जैसा संरक्षण मॉडल अपनाया जाए

शिप्रा पाठक लंदन की थेम्स नदी के संरक्षण मॉडल का अध्ययन करेंगी और ब्रिटेन के पर्यावरण विशेषज्ञों के साथ “नदी संवाद” में भाग लेंगी। वे लंदन की मेयर से शिष्टाचार भेंट भी करेंगी और शहर के महत्वपूर्ण पर्यावरणीय स्थलों का अवलोकन करेंगी।शिप्रा पाठक की यह उपलब्धि न केवल भारतीय पर्यावरण परंपरा का वैश्विक सम्मान है, बल्कि भारतीय नारी शक्ति और सांस्कृतिक चेतना के लिए भी गर्व का क्षण है। उन्होंने कहा—“नदी को बचाने की यात्रा भले भारत से शुरू होती है, लेकिन उसका संदेश पूरे विश्व तक जाता है।”

सम्बंधित खबर

विज्ञापन

विज्ञापन

Logo

Office Address :: Bargadi Magath BKT, LuCknow, (227202)

Contact Us :+91 9415310340,+91 9935672625

Email:rexpressbharat@gmail.com

Subscribe Now
Youtube

R Express Bharat

Follow Us

Design and Developed by SpriteEra IT Solutions Pvt. Ltd.
© Copyright R Express Bharat 2025. All rights reserved.