उप्र में बिजली के निजीकरण के विरोध में 9 जुलाई को देशभर में सांकेतिक हड़ताल का ऐलान
नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ़ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स के आह्वान पर नौ जुलाई को देशभर के 27 लाख बिजली कर्मचारी एक दिन की सांकेतिक हड़ताल करेंगे। इसके पहले 02 जुलाई को निजीकरण के विरोध में देश भर में व्यापक विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे।
UTTAR PRADESH
1:58 PM, Jun 29, 2025
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लखनऊ में बैठक करते विधुत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति,उत्तर प्रदेश के पदाधिकारियों सौ0REx भारत
उत्तर प्रदेश।लखनऊ।नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ़ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स के आह्वान पर नौ जुलाई को देशभर के 27 लाख बिजली कर्मचारी एक दिन की सांकेतिक हड़ताल करेंगे। इसके पहले 02 जुलाई को निजीकरण के विरोध में देश भर में व्यापक विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे। उप्र में बिजली निजीकरण के विरोध में इसका निर्णय लिया गया है। इसकी सूचना केन्द्रीय विधुत मंत्री को भी दी गई है।
दो जुलाई को राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन
नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ़ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स द्वारा केंद्रीय विद्युत मंत्री को भेजी गई नोटिस में लिखा गया है कि, पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के तहत आने वाले उत्तर प्रदेश के 42 जनपदों की बिजली के निजीकरण के विरोध में 2 जुलाई को राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।जबकि 9 जुलाई को 27 लाख बिजली कर्मी एक दिन की सांकेतिक हड़ताल करेंगे। देश के सभी प्रांतों के मुख्यमंत्रियों को यह नोटिस भेजी गई है।
इन दिनों में होंगी बैठकें
दो जुलाई एवं नौ जुलाई के आन्दोलन के मोबिलिजेशन के लिए विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के केंद्रीय पदाधिकारियों के दौरे सोमवार से जनपदों और परियोजनाओं के लिए शुरु हो रहे है। 30 जून को संघर्ष समिति के केंद्रीय पदाधिकारी झांसी और परीक्षा ताप बिजली घर में आम सभा करेंगे। जबकि एक जून को कानपुर, केस्को और पनकी ताप बिजली घर पर आमसभा होगी। इसके बाद दो जुलाई को प्रदेश के सभी जनपदों और परियोजनाओं पर व्यापक विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
जेल भरो अभियान की तैयारी
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के पदाधिकारियों ने बताया कि आज सभी जनपदों और परियोजनाओं पर संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बैठक कर पावर कारपोरेशन के चेयरमैन द्वारा ऊर्जा निगमों में आपातकाल जैसे हालात बनाए जाने की कड़ी शब्दों में निंदा की है। प्रत्येक जनपद और परियोजना में हुई बैठक में बिजली कर्मचारियों ने संकल्प लिया कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का टेंडर होते ही सभी जनपदों और परियोजनाओं पर सामूहिक जेल भरो अभियान प्रारंभ कर दिया जाएगा जिसकी सारी जिम्मेदारी पावर कार्पोरेशन प्रबंधन और चेयरमैन की होगी।
बिजली कर्मचारियों की आवाज दबाने की कोशिश
संघर्ष समिति ने कहा कि बड़े पैमाने पर मनमाने ढंग से स्थानांतरण, संघर्ष समिति के शीर्ष तीन पदाधिकारियों जितेंद्र सिंह गुर्जर, जयप्रकाश और चंद्रभूषण उपाध्याय पर स्टेट विजिलेंस द्वारा एफआईआर कराई गई। यह डराने धमकाने जैसे कदमों से पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन निजीकरण के विरोध में संघर्ष कर रहे बिजली कर्मचारियों की आवाज को दबा नहीं सकते। चेयरमैन की इन कार्यवाहियों से ऊर्जा निगमों में औद्योगिक अशांति व्याप्त है और टकराव का वातावरण बन रहा है।
निजीकरण का टेंडर होने पर विरोध
संघर्ष समिति ने कहा कि सोमवार से प्रारंभ हो रहे सप्ताह में सप्ताह भर बिजली कर्मचारी सभी जनपदों और परियोजनाओं पर विरोध सभा कर ऊर्जा निगमों में आपातकाल जैसे हालात की निंदा करेंगे और निजीकरण का टेंडर होने पर जेल भरो अभियान चलाए जाने के लिए टीमों का गठन किया जाएगा।