मुज़फ्फरनगर के डी.ए.वी. कॉलेज में छात्र ने किया आत्मदाह,छात्रो में आक्रोश
मुज़फ्फरनगर के डीएवी कॉलेज से एक बेहद ही शर्मनाक घटना सामने आयी है। जिसको सुनकर हर किसी का खून खौल उठा है। बताया जा रहा है कि, बी.ए. तृतीय सेमेस्टर का छात्र उज्ज्वल राणा 7,000 रूपए की बकाया फीस के लिए मोहलत मांग रहा था, लेकिन प्राचार्य ने पूरे कॉलेज के सामने उसे बेइज़्ज़त किया और पीटाई की गई।
muzaffarnagar
5:13 PM, Nov 11, 2025
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D.A.V COLLAGE PHOTO BY - GOOGLE
उत्तर प्रदेश। मुज़फ्फरनगर के डीएवी कॉलेज से एक बेहद ही शर्मनाक घटना सामने आयी है। जिसको सुनकर हर किसी का खून खौल उठा है। बताया जा रहा है कि, बी.ए. तृतीय सेमेस्टर का छात्र उज्ज्वल राणा 7,000 रूपए की बकाया फीस के लिए मोहलत मांग रहा था, लेकिन प्राचार्य ने पूरे कॉलेज के सामने उसे बेइज़्ज़त किया और पीटाई की गई। जिसको लेकर अपमान और अन्याय से आहत होकर उज्ज्वल ने कॉलेज के भीतर ही खुद पर पेट्रोल डालकर आग लगाकर आत्माहत्या करने को प्रयास किया। लेकिन वहां पर उपस्थिति लोगो के द्वारा उसका अस्पताल में भर्ती करवाया गया। लेकिन वहां पर डाक्टरो के द्वारा उसकी हालत बहुत ही नाजुक बताई जा रही है।
पीडित छात्र का वीडियो आया सामने
पीडित छात्र उज्जवल ने वीडियो बनाकर वायरल किया है कि,उसको कॉलेज प्रशासन के द्वारा मानसिक रूप से बहुत ही चोट पहुंची। जिसकी वजह से उसकी आत्माहत्या करने का प्रयास किया है। उसने वीडियो मे बताया है कि, अगर मुझे कुछ हुआ, तो प्राचार्य और पुलिस जिम्मेदार होंगे। पीडित के द्वारा वीडियो को शेयर करने के बाद से पूरे कॉलेज प्रशासन के सिर पर तलवार लटक रही है। इस घटना की लोगो के द्वारा बहुत ही ज्यादा निंदा की जा रही है। लोगो के द्वारा बताया जा रहा है कि,भारत का यह शायद पहला मामला है जहाँ पर शिक्षा के लिए एक छात्र ने कॉलेज में खुद को पेट्रोल डालकर जिंदा जला लिया यह मामला बहुत ही ज्यादा शर्मनाक है कि,छात्र की पढने की इच्छा थी। लेकिन पैसे के भूखे कॉलेज प्रशासन ने उसको ऐसा कदम उठाने के लिए मजबूर किया है।
कॉलेज मे उपस्थिति छात्रों का आरोप
कॉलेज मे उपस्थिति छात्रों का भी आरोप है कि, कॉलेज स्टाफ और पुलिस द्वारा लगातार उज्जवल को मानसिक उत्पीड़न दी जा रही थी। जिसके कारण ही उसने ने यह भयानक कदम उठाया।यह घटना शिक्षा संस्थानों में छात्रों पर पड़ने वाले आर्थिक और मानसिक दबाव के मुद्दे को एक बार फिर उजागर करती है।यह घटना एक छात्र की नहीं, बल्कि पूरी युवा और आने वाली पीढियो के लिए एक चीख है कि, जहाँ शिक्षा एक बाज़ार, छात्र ग्राहक, और ज्ञान मुनाफ़े का ज़रिया बन चुका है। छात्रो को कहना है कि, भारत का संविधान हर नागरिक को मुफ़्त और समान शिक्षा का अधिकार देता है। लेकिन आज शिक्षा संस्थान व्यापार के अड्डे बन चुके हैं —जहाँ गरीब, पिछड़े, दलित और वंचित बच्चों का सपना हर दिन कुचला जा रहा है। केवल सात हज़ार की फीस के लिए एक छात्र ने अपनी जान दांव पर लगा दी। यह कैसा आजद भारत है। जहां पर पढने की इच्छा रखने वाले छात्र के साथ इस तरह घटना हुई।
हास्प्टिल में जिन्दगी और मौत के बीच जूझ रहा पीड़ित छात्र
उज्जवल के द्वारा किए गए इस कठोर कदम के कारण उसकी हालत बहुत ही ज्यादा खराब हो चुकी है। डाक्टरो का कहना है कि,वो जिदंगी और मौत के बीच लडाई कर रहा है। उज्जवल की जान की दुआ हर एक छात्र कर रहा है। सभी छात्रो के द्वारार उज्जवल के लिए प्रार्थना की जा रही है कि,उसकी जान बच जाए और उसके लिए आगे लडाई वो अकेला नही बलिक उसके साथ हर एक छात्र लडेगा जो कि,पढने की इच्छा रखता है लेकिन पैसो के भूखे जिम्मेदारो के कारण उनकी इच्छा अधूरी रह जाती है। उज्जवल के साथ घटित घटना का मामला अब हर एक छात्र का निजी मामला बन चुका है। हर कोई बस अब उज्जवल के ठीक होने के लिए प्रार्थना कर रहा है ताकि,उसकी लडाई लडके उसको आगे की शिक्षा दिलाई जा सके।
यूपी सरकार से की जा रही इंसाफ की मांग
यूपी सरकार से लोगो के द्वारा यह मांग की जा रही है कि,उज्जवल की जो यह हालत है वो डीएवी कॉलेज के प्राचार्य की वजह से है इसीलिए उनको कॉलेज से निलंबित करके पुलिस के द्वारा गिरफ्तार किया जाए। कॉलेज के प्राचार्य पर सख्ती से कार्यवाही की जाए ताकि,आगे से किसी भी छात्र के साथ ऐसी कोई भी घटना न हो।छात्र उज्ज्वल राणा को सर्वोत्तम चिकित्सा व सुरक्षा दी जाए। कॉलेज प्रशासन और संबंधित पुलिसकर्मियों की निष्पक्ष न्यायिक जांच सख्ती से की जाए।शिक्षा संस्थानों में फीस और शोषण के मामलों पर राज्यस्तरीय निगरानी तंत्र बनाया जाए। क्योकि,यह मामला सिर्फ उज्ज्वल का नहीं है,बल्कि उन लाखों छात्रों का है जो हर दिन शिक्षा के बाजारीकरण की आग में जल रहे हैं।

