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धर्म/न्यूज़/the festival of bhaidooj a unique bond of brother and sister related to the relationship of love and affection

थोड़ी सी नोंक — झोंक और बहुत सारा प्यार,भाई बहन के अटूट रिश्ते का प्रतीक है,भाईदूज का त्यौहार

दीपावली के तीसरे दिन भाईदूज की तैयारियो को लेकर बाजरो मे लोगो की लंबी भीड लगी हुई है। जिस ओंर देखो लोगो की खरीदी करते हुए भीड दिखाई दे रही है। लोगो ने दिपाली के त्यौहार को बहुत ही धूम — धाम से मनाया है। अब दिपावली के तीसरे दिन भाईदूज के बाद खुशियो की रोशनी फिर से लौट जाएगी। इसीलिए लोगो भाईदूज के त्यौहार को लेकर बहुत ही ज्यादा उत्साहित है। भाईदूज का दिन भाई के रिश्ते के लि ही ज्यादा उत्साहित है।

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4:20 PM, Oct 22, 2025

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थोड़ी सी नोंक — झोंक और बहुत सारा प्यार,भाई बहन के अटूट रिश्ते का प्रतीक है,भाईदूज का त्यौहार
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उत्तर प्रदेश। दीपावली के तीसरे दिन भाईदूज की तैयारियो को लेकर बाजरो मे लोगो की लंबी भीड लगी हुई है। जिस ओंर देखो लोगो की खरीदी करते हुए भीड दिखाई दे रही है। लोगो ने दिपाली के त्यौहार को बहुत ही धूम — धाम से मनाया है। अब दिपावली के तीसरे दिन भाईदूज के बाद खुशियो की रोशनी फिर से लौट जाएगी। इसीलिए लोगो भाईदूज के त्यौहार को लेकर बहुत ही ज्यादा उत्साहित है। भाईदूज का दिन भाई के रिश्ते के लिए बहुत खास दिन होता है। इस दिन भाई बहन के प्यार का ​रिश्ता और भी ज्यादा मजबूत होता है।

क्या है इस पवित्र पर्व के पीछे की कहानी ?

भाई दूज के पीछे मुख्य कहानी यमराज और यमुना की है, जिसमें यमुना अपने भाई यमराज का सत्कार करती हैं और यमराज प्रसन्न होकर यह वरदान देते हैं कि जो बहन भाई का तिलक करेगी, उसे यमलोक का भय नहीं होगा। एक और कहानी भगवान श्रीकृष्ण और उनकी बहन सुभद्रा से जुड़ी है, जिसमें श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध करने के बाद सुभद्रा से मिलकर उनका तिलक किया था।

दीपावली के तीसरे दिन का भाईदूज का त्यौहार बहन-भाई के प्रेम, विश्वास और सुरक्षा के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। बहन अपने भाई की लम्बी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती है, और भाई अपनी बहन की रक्षा का वचन देता है। जिससे दोनो के रिश्ते को एक अनोखा बंधन बानता है। भाई — बहन का सिर्फ प्रेम का ही नही बल्कि थोड़ी सी,नौक झोंक और लड़ाई झगड़े का भी रिश्ता है। हमेशा एक— दूसरे से लडना,झगड़ना,लेकिन जब एक को चोट लगे। तब दूसरे की आंख मे आंसू आ जाना। यही तो सच्चे रिश्ते का प्रतीक होता है।

 भाईदूज का त्यौहार क्यो मनाया जाता  ? 

कार्तिक मास की शुक्ल द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। बहन अपने भाई को घर बुलाती है या उसके घर जाती है। आरती, तिलक और मिठाई से बहन अपने भाई स्नेह करती है। भाई उपहार देकर अपनी बहन का स्नेह स्वीकार करता है। भाई — बहन के बीच लडाई — झगडे चाहे कितना भी हो जाएं ।लेकिन जो उनके बीच स्नेह का जुड़ाव होता है। वो अन्य किसी रिश्ते में नही नजर आता है।

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