ब्लड कैंसर को पूरी तरह से ठीक करना का नही है कोई उपचार,मगर बचाव की कोशिश तो जरूरी !
ब्लड कैंसर जिसे रक्त कैंसर भी कहते हैं, एक ऐसी बीमारी है जिसमें अस्थि मज्जा में रक्त कोशिकाएं असामान्य और अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं। इसके लक्षणों में लगातार बुखार, रात को पसीना आना, बिना वजह वजन कम होना, थकान और हड्डियों में दर्द शामिल हैं। यह ल्यूकेमिया, लिंफोमा और मायलोमा जैसे विभिन्न प्रकार का हो सकता है, और शुरुआती पहचान होने पर इलाज से ठीक भी हो सकता है।
lucknow
6:01 PM, Nov 1, 2025
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SKETCH BY- GOOGLE
उत्तर प्रदेश। ब्लड कैंसर जिसे रक्त कैंसर भी कहते हैं, एक ऐसी बीमारी है जिसमें अस्थि मज्जा में रक्त कोशिकाएं असामान्य और अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं। इसके लक्षणों में लगातार बुखार, रात को पसीना आना, बिना वजह वजन कम होना, थकान और हड्डियों में दर्द शामिल हैं। यह ल्यूकेमिया, लिंफोमा और मायलोमा जैसे विभिन्न प्रकार का हो सकता है, और शुरुआती पहचान होने पर इलाज से ठीक भी हो सकता है। लेकिन लोगो की लापरवाही और अज्ञान की वजह से उनकी जान चली जाती है। इसीलिए हम आपको पहले से ब्लड कैंसर के बारे में सारी जानकारी बताएंगे। ताकि,आपका जीवन हमेशा सुरक्षित रह सके।
ब्लड कैंसर के क्या हो सकते है लक्षण ?
ब्लड कैंसर के लक्षण कई प्रकार से होते है जैसे कि, लगातार थकान महसूस होना, जो आराम करने के बाद भी ठीक न हो।बिना किसी खास कारण के बार-बार बुखार आना।नींद के दौरान अत्यधिक पसीना आना।बिना किसी चोट के आसानी से चोट के निशान बनना या रक्तस्राव जैसे — नाक से खून आना और गर्दन, बगल या कमर के पास दर्द रहित गांठें या सूजन।सामान्य से अधिक बार संक्रमण होना।सांस फूलना या सीने में दर्द होना। इसके अलावा,अस्पष्टीकृत वजन घटना,खरोंच या त्वचा पर लाल धब्बे, हड्डियों या जोड़ों में दर्द,भूख न लगना या मतली,खुजली वाली त्वचा,पीली त्वचा होना शमिल है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये लक्षण अन्य बीमारियों के कारण भी हो सकते हैं। यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दे, तो सटीक निदान और उपचार के लिए डॉक्टर से परामर्श करना आवश्यक है।
ब्लड कैंसर क्यो होता है ?
ब्लड कैंसर की शुरुआत तब होती है जब रक्त कोशिकाओं के डीएनए में परिवर्तन होता है, जिससे कोशिकाएं नियंत्रण से बाहर हो जाती हैं और सामान्य कार्य नहीं कर पातीं।कुछ मामलों में, आनुवंशिक दोष या परिवार में रक्त कैंसर का इतिहास होने से जोखिम बढ़ सकता है।कुछ रसायनों के संपर्क में आना जैसे कुछ कीटनाशक और रेडिएशन (विकिरण) के संपर्क में आना।धूम्रपान और शराब का अधिक सेवन।कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में इसका खतरा अधिक होता है।कुछ वायरल संक्रमण, जैसे एचआईवी या एपस्टीन-बार वायरस, रक्त कैंसर का जोखिम बढ़ा सकते हैं। रक्त कोशिका के डीएनए में उत्परिवर्तन होता है, जिससे उसे गलत निर्देश मिलते हैं।यह कोशिका सामान्य से ज़्यादा तेजी से बढ़ने और विभाजित होने लगती है।यह असामान्य कोशिकाएं सामान्य रक्त कोशिकाओं को दबा देती हैं, जिससे अस्थि मज्जा कम सामान्य कोशिकाओं का उत्पादन करती है।इसके परिणामस्वरूप शरीर में सामान्य रक्त कोशिकाएं अपना आवश्यक कार्य नहीं कर पाती हैं।
ब्लड कैंसर को कैसे रोका जा सकता है ?
ब्लड कैंसर को पूरी तरह से रोका नहीं जा सकता है लेकिन इसके जोखिम को कम करने के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाई जा सकती है। खूब फल, सब्जियां, साबुत अनाज और कम वसा वाले प्रोटीन खाएं। प्रोसेस्ड मीट और अतिरिक्त चीनी वाले पेय पदार्थों से बचें। नियमित शारीरिक गतिविधि कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद कर सकती है।धूम्रपान रक्त कैंसर सहित कई कैंसर का एक प्रमुख जोखिम कारक है।शराब का अधिक सेवन कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है।तनाव को कम करने के लिए योग या ध्यान जैसी तकनीकों का अभ्यास करें, क्योंकि तनाव कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकता है।स्वस्थ वजन बनाए रखना कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है। किसी भी असामान्य लक्षण के दिखने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें और नियमित स्वास्थ्य जांच कराएं।
ब्लड कैंसर का कैसे कर सकते है इलाज ?
ब्लड कैंसर का निदान हो जाता है, तो कई उपचार विकल्प उपलब्ध हैं। कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए शक्तिशाली दवाओं का उपयोग किया जाता है।इसमें क्षतिग्रस्त अस्थि मज्जा को स्वस्थ स्टेम कोशिकाओं से बदला जाता है।यह ऐसी दवाओं का उपयोग करता है जो कैंसर कोशिकाओं को लक्षित करती हैं और स्वस्थ कोशिकाओं को कम नुकसान पहुंचाती हैं।यह कैंसर से लड़ने के लिए शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देता है।कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने या दर्द से राहत देने के लिए विकिरण का उपयोग किया जाता है। रक्त कैंसर एक गंभीर बीमारी है, इसलिए यदि आपको कोई असामान्य लक्षण दिखाई दे, तो कृपया डॉक्टर से परामर्श लें।

