गुरुवार का व्रत भगवान विष्णु और बृहस्पति देव को समर्पित,ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
बृहस्पतिवार को लोगो के द्वारा इस दिन व्रत रखा जाता हैं। यह दिन मुख्य रूप से देवगुरु बृहस्पति और भगवान विष्णु को समर्पित है। जिनकी पूजा करने से विशेष शुभ फल प्राप्त होते हैं। लोगो के द्वारा यह व्रत बहुत ही रखा जाता है। व्रत रखने के लिए कुछ नियम होते है जैसे — बृहस्पतिवार का व्रत रखने के लिए प्रात: जल्दी उठकर स्नान करें।
lucknow
4:18 PM, Nov 13, 2025
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SKETCH BY- GOOGLE
उत्तर प्रदेश। बृहस्पतिवार को लोगो के द्वारा इस दिन व्रत रखा जाता हैं। यह दिन मुख्य रूप से देवगुरु बृहस्पति और भगवान विष्णु को समर्पित है। जिनकी पूजा करने से विशेष शुभ फल प्राप्त होते हैं। लोगो के द्वारा यह व्रत बहुत ही रखा जाता है। व्रत रखने के लिए कुछ नियम होते है जैसे — बृहस्पतिवार का व्रत रखने के लिए प्रात: जल्दी उठकर स्नान करें। फिर संकल्प लें और भगवान विष्णु व बृहस्पति देव की पीली वस्तुओं, पुष्प, फल और केले से पूजा करें। व्रत कथा पढ़ें और शाम को पीला, बिना नमक का भोजन करें, जिसमें चने की दाल का प्रयोग हो सकता है। यह व्रत ज्ञान, बुद्धि और संतान सुख के लिए किया जाता है। जिससे कुंडली में गुरु ग्रह के दोषों से मुक्ति मिलती है।
क्यो रखा जाता है व्रत ?
गुरुवार का व्रत भगवान विष्णु जिन्हें बृहस्पति का अवतार भी माना जाता है और देवताओं के गुरु बृहस्पति देव को प्रसन्न करने के लिए रखा जाता है।इस व्रत को रखने से जीवन में सुख-शांति और धन-संपत्ति की प्राप्ति होती है।अविवाहित लोगों के लिए यह व्रत विवाह की बाधाओं को दूर करने और जल्दी विवाह योग बनाने में मददगार होता है। विवाहित महिलाएं अपने पति के स्वास्थ्य और वैवाहिक जीवन की खुशहाली के लिए यह व्रत रखती हैं।जिन लोगों को संतान सुख नहीं मिल पा रहा है, वे इस व्रत के माध्यम से संतान की कामना करते हैं।बृहस्पति को ज्ञान का प्रतीक माना जाता है, इसलिए यह व्रत विद्यार्थियों के लिए पढ़ाई में एकाग्रता बढ़ाने और ज्ञान प्राप्त करने में सहायक होता है।गुरुवार का व्रत करने से पितृ दोष समाप्त होता है और कुंडली से अशुभ ग्रहों का प्रभाव कम होता है।यह व्रत रखने से व्यक्ति के मान-सम्मान में भी वृद्धि होती है।
भूलकर भी यह गलती न करे ?
गुरुवार को केले और खिचड़ी का सेवन नहीं करना चाहिए।गेहूं का आटा, चावल, मैदा, सूजी और बेसन जैसे अनाज न खाएं।सामान्य नमक के बजाय सेंधा नमक का उपयोग करें।लहसुन और प्याज का प्रयोग न करें। चाय, कॉफी और सॉफ्ट ड्रिंक से भी दूर रहें। इस दिन घर में पोछा न लगाएं और न ही बाल धोएं या कपड़े धोएं।बाल और नाखून न काटें।पैसों के लेन-देन से बचें।सरसों या तिल के तेल के बजाय घी का दीपक जलाएं।केले, तुलसी या पीपल के पेड़ों को काटना या नुकसान पहुँचाना अशुभ माना जाता है।
क्या होता है लाभ ?
गुरुवार का व्रत रखने से भगवान विष्णु की कृपा से संपत्ति और संपन्नता आती है और घर की दरिद्रता दूर होती है।इस व्रत को रखने से घर में सुख-शांति का वास होता है और जीवन में खुशियाँ आती हैं।बृहस्पति देव की कृपा से संतान संबंधी और विवाह की समस्याएँ दूर हो सकती हैं।यह व्रत व्यक्ति के मान-सम्मान में वृद्धि करता है।कुंडली से अशुभ ग्रहों का प्रभाव कम होता है और गुरु ग्रह मजबूत होता है।गुरुवार का व्रत रखने से पितृ दोष समाप्त होता है।वैवाहिक जीवन से जुड़ी सभी मुश्किलें दूर होती हैं।यदि कुंडली में अल्पायु का योग है, तो वह समाप्त हो सकता है।

