गोवर्धन पूजा का क्या होता है महत्व,पीछे की कहानी आकर्षित !
दिपावली के अगले दिन मानने वाले त्यौहार गोवर्धन पूजा को अन्नकूट पूजा भी कहा जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस पूजा का उद्देश्य भगवान कृष्ण के प्रति श्रद्धा और आभार प्रकट करना होता है। जिन्होंने गोवर्धन पर्वत को उठाकर गोकुलवासियों की रक्षा की थी। वहीं दूसरी ओर इस दिन कुछ गलतियां करना भी अशुभ माना जाता है। लोगो के द्वारा गोवर्धन पूजा को पूरी भक्ति और सच्चाई के साथ यह पूजा की जाती है।
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3:40 PM, Oct 21, 2025
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उत्तर प्रदेश। दिपावली के अगले दिन मानने वाले त्यौहार गोवर्धन पूजा को अन्नकूट पूजा भी कहा जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस पूजा का उद्देश्य भगवान कृष्ण के प्रति श्रद्धा और आभार प्रकट करना होता है। जिन्होंने गोवर्धन पर्वत को उठाकर गोकुलवासियों की रक्षा की थी। वहीं दूसरी ओर इस दिन कुछ गलतियां करना भी अशुभ माना जाता है। लोगो के द्वारा गोवर्धन पूजा को पूरी भक्ति और सच्चाई के साथ यह पूजा की जाती है। इस दिन लोगो के द्वारा बहुत ही ज्यादा उत्साह मनाया जाता है।
क्या होता है पूजा मे ?
लोग अपने घरो में गोवर्धन की आकृति बनाकर उनके मध्य में भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति रखी जाती है। नाभि के स्थान पर एक कटोरी जितना गड्ढा बना लिया जाता है और वहां एक कटोरी व मिट्टी का दीपक रखा जाता है फिर इसमें दूध, दही, गंगाजल, मधु और बतासे इत्यादि डालकर पूजा की जाती है और फिर इसे प्रसाद के रूप में बांटा जाता है। जो लोगो के द्वारा इस किया जाता है।
गाय के गोबर से क्यों मनाई जाती है?
इस गोबर से बनी गोवर्धन पर्वत की मूर्ति को गोवर्धन बाबा के रूप में स्थापित किया जाता है। यह त्यौहार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है। मान्यता है कि जो कोई भी इस दिन श्रद्धापूर्वक गोबर से बने पर्वत की पूजा करता है, उसकी सभी की मनोकामनाएँ पूरी होती हैं।