लडकियां जब हर एक काम मे गुणी तब क्यों समाज बना रूकावट,सृष्टि नहीं नारी बिना
लडकियो के मन मे यही एक सवाल हमेशा चिंता का बना हुआ होता है कि,आखिर वो किस करियर का चुनाव करे जिसमे उनको सम्मान के साथ अच्छा वेतन भी मिल सके। क्योकि,लडकियो के लिए करियर का चुनाव करना बहुत ही कठिन होता है। समाज को देखते हुए लडकियां अपने करियर का चुनाव करती है ताकि,कोई उनका गलत फायदा भी नही उठा सके और समाज मे उनकी इज्जत अच्छी बनी रहे।
lucknow
2:48 PM, Nov 2, 2025
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SKETCH BY- GOOGLE
उत्तर प्रदेश। लडकियो के मन मे यही एक सवाल हमेशा चिंता का बना हुआ होता है कि,आखिर वो किस करियर का चुनाव करे जिसमे उनको सम्मान के साथ अच्छा वेतन भी मिल सके। क्योकि,लडकियो के लिए करियर का चुनाव करना बहुत ही कठिन होता है। समाज को देखते हुए लडकियां अपने करियर का चुनाव करती है ताकि,कोई उनका गलत फायदा भी नही उठा सके और समाज मे उनकी इज्जत अच्छी बनी रहे। लडकियो के अंदर बहुत कुछ कर दिखाने की चाह होती है मगर वो समाज के अन्धविश्वास को लेकर अपनी कदमो को रोक देती है। क्योकि, अकेले पूरे समाज के अंदर की ताकत किस के अंदर नही होती है। इस समय में लडकियां हर फिल्ड पर खुद को सबित कर रही है। लडकियो ने हर बार यह बात सबित कि,वो किसी से कम नही है। अगर बताया जाए तो हर एक जगह पर लडकियां लडको से ज्यादा अच्छे से काम करती है। लेकिन यह समाज तो लडको को नही बल्कि लडकियां को ही हर बार गलत समझता है।
क्यो गुण होने के बाद नही हो पाती है सफल ?
लड़कियाँ कई सामाजिक और पारिवारिक कारणों से अपना करियर नहीं बना पातीं है। कई परिवारों में लड़कियों से शादी के बाद नौकरी छोड़ने की उम्मीद की जाती है, खासकर जब परिवार आर्थिक रूप से स्थिर हो।घर और परिवार की जिम्मेदारियां अक्सर पुरुषों की तुलना में महिलाओं पर अधिक होती हैं, जिससे उनके लिए काम और घर के बीच संतुलन बनाना मुश्किल हो जाता है।शादी के बाद, एक "अच्छी बहू" बनने के लिए अक्सर महिलाओं पर दबाव होता है, और वे परिवार के लिए हमेशा मौजूद रहने की अपेक्षा रखती हैं।समाज की अपेक्षाओं के कारण, कई महिलाएं अपनी महत्वाकांक्षाओं का बलिदान कर देती हैं और अपने करियर को घरेलू जिम्मेदारियों के लिए छोड़ देती हैं, जिसे वे अपने सामाजिक संस्कार का हिस्सा मानती हैं। विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित जैसे क्षेत्रों में महिलाओं के अवसरों को सीमित किया जाता है।महिलाओं को अक्सर पुरुषों के बराबर वेतन नहीं मिलता है, जो करियर में प्रगति की उनकी क्षमता को प्रभावित करता है और शादी, गर्भावस्था या पति के तबादले जैसी स्थितियों में करियर में बाधा आ सकती है।कई मामलों में, परिवार और रिश्ते करियर चुनने या नौकरी जारी रखने में सहायता नहीं करते हैं।कुछ पुरुष सफल महिलाओं को खतरे के रूप में देखते हैं या महिलाओं की सफलता की परवाह नहीं करते हैं।महिलाओं को पुरुषों की तरह प्रत्यक्ष प्रतिस्पर्धा का अनुभव नहीं होता है, जिससे करियर के प्रति उनकी महत्वाकांक्षा कम हो सकती है।
क्या है असली रूकावट का कारण ?
समाज में लड़कियों के करियर में बाधाएं कई कारणों से आती हैं। समाज में अक्सर महिलाओं से विवाह और मातृत्व को प्राथमिकता देने की उम्मीद की जाती है, जिससे करियर में बाधा आती है।महिलाओं को अक्सर पारिवारिक और सामाजिक मामलों में निर्णय लेने या घर से बाहर निकलने की आजादी नहीं होती है।ऐतिहासिक रूप से, पुरुषों की तुलना में लड़कियों को शिक्षा के कम अवसर मिलते रहे हैं। कार्यस्थल पर लैंगिक पूर्वाग्रह, भेदभाव, यौन उत्पीड़न और समान काम के लिए समान वेतन का अभाव महिलाओं को आगे बढ़ने से रोकता है।पुरुष-प्रधान कार्यस्थलों पर महिलाओं को अक्सर कम गंभीरता से लिया जाता है, उनकी बातों को अनसुना किया जाता है, या उन्हें प्रशासनिक काम के लिए समझा जाता है।सामाजिक ढांचे अभी भी पुरुषों को तरजीह देते हैं, जिससे महिलाओं को अपनी नेतृत्व क्षमता साबित करने में मुश्किल होती है। मातृत्व अवकाश, बच्चों की देखभाल और परिवार के अन्य दायित्व महिलाओं के करियर में रुकावट बन सकते हैं।यदि पति का ट्रांसफर होता है, तो महिलाओं पर अक्सर नौकरी छोड़ने या स्थानांतरित होने का दबाव होता है।घरेलू हिंसा भी महिला सशक्तिकरण और करियर में एक बड़ी बाधा है। सार्वजनिक स्थानों का डिज़ाइन अक्सर महिलाओं की सुरक्षा या सुविधा को ध्यान में रखकर नहीं किया जाता है, जो उनके आने-जाने को प्रभावित करता है।काम के दौरान असुरक्षा का माहौल महिलाओं को आगे बढ़ने से रोक सकता है।
क्या कई जगहो पर लडको को पीछे कर बढी लडकियां ?
लड़कियां हर जगह लड़कों से ज़्यादा आगे हैं, एक व्यापक और सामान्यीकरण वाला बयान है।लड़कियों को अब पहले की तुलना में अधिक शैक्षिक अवसर मिलते हैं, जिससे वे हर क्षेत्र में आगे बढ़ सकती हैं।लड़कियों को अक्सर अधिक मेहनती और लगनशील माना जाता है, जो उन्हें सफलता की ओर ले जाता है।समाज का दृष्टिकोण भी बदल रहा है, जिससे लड़कियों को घर की चारदीवारी से बाहर निकलकर अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिल रहा है। "हर जगह" कहना एक अतिशयोक्ति है। पुरुषों और महिलाओं के लिए हर क्षेत्र में स्थिति अलग-अलग हो सकती है।कुछ क्षेत्रों में, जैसे कि शारीरिक श्रम या कुछ विशेष व्यवसायों में, अभी भी पुरुषों का दबदबा हो सकता है।यह बयान पूरी तरह से गलत नहीं है, लेकिन यह पूरी सच्चाई को नहीं दर्शाता है। इसके अलावा , सबसे जरूरी बात यह सच है कि आज लड़कियां शिक्षा, नौकरी और अन्य क्षेत्रों में बहुत आगे बढ़ रही हैं, लेकिन यह कहना कि वे "हर जगह" लड़कों से आगे हैं, एक सामान्यीकरण है। यह एक प्रगतिशील कदम है, लेकिन अभी भी कई क्षेत्रों में समानता हासिल करने के लिए बहुत काम करने की आवश्यकता है।
कौन से किरयर मे जाना होता है सबसे लाभदायक ?
लड़कियों के लिए सबसे लाभदायक करियर व्यक्ति की रुचियों, कौशल और शिक्षा पर निर्भर करते हैं।सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, डेटा साइंस और डिजिटल मार्केटिंग जैसे क्षेत्रों में करियर के अच्छे अवसर हैं।डॉक्टर, नर्स, मनोवैज्ञानिक और फार्मेसी जैसे क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी लगातार बढ़ रही है।चार्टर्ड अकाउंटेंसी, एमबीए और कानून के क्षेत्र में उच्च वेतन और स्थिरता वाले विकल्प हैं।यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास करके आईएएस, आईपीएस या आईएफएस जैसे प्रतिष्ठित पदों पर कार्य कर सकती हैं।शिक्षण एक सम्मानजनक पेशा है और इसमें काम-जीवन संतुलन बनाना आसान होता है। स्कूल और कॉलेज दोनों स्तरों पर अवसर हैं।फैशन डिज़ाइन, इंटीरियर डिज़ाइन और मीडिया जैसे रचनात्मक क्षेत्रों में भी अच्छे करियर विकल्प उपलब्ध हैं।कंटेंट क्रिएटर, पायलट, एयरोस्पेस इंजीनियर और एविएशन में अन्य भूमिकाएँ भी आकर्षक हो सकती हैं। लेकिन हर एक लडकी का हक होता है कि,वो अपनी व्यक्तिगत रुचियों और क्षमताओं के अनुसार करियर चुनें।उच्च वेतन और विकास की संभावना वाले क्षेत्रों पर विचार करें, जैसे आईटी, स्वास्थ्य सेवा और वित्त।स्थिरता और कार्य-जीवन संतुलन के लिए सरकारी नौकरी और शिक्षण जैसे क्षेत्रों पर भी विचार करें।नया सीखने और कौशल विकसित करने पर ध्यान दें, क्योंकि यह करियर में प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है।किसी विशेषज्ञ से सलाह लें और अपने विकल्पों का गहन विश्लेषण करें।

