पढाई करने की इच्छा पर क्यो नही हो पा रहे सफल,जीवन का सत्य,ध्यान और परिश्रम से खुलेंगे रास्ते
युवा पीढी के बच्चे के अंदर बस एक ही सवाल हमेशा पेरशान करता रहता है कि,वो क्या करे कि,उनको सारी पढाई अच्छे से समझ मे आ जाए। बहुत सारे बच्चे क्लास मेें बैठकर साथ में एक ही टीचर से पढाई करते है। मगर उन मेे से कुछ ही बच्चे को ज्ञान हो पाता है। क्योकि,हर एक बच्चे के अंदर अलग — अलग हुनर होता है। बच्चो के मन मेे यह सवाल ज्यादा होता है कि,जब हमारा साथी वही पढाई कर सकता है।
lucknow
3:13 PM, Nov 9, 2025
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SKETCH BY - GOOGLE
उत्तर प्रदेश। युवा पीढी के बच्चे के अंदर बस एक ही सवाल हमेशा पेरशान करता रहता है कि,वो क्या करे कि,उनको सारी पढाई अच्छे से समझ मे आ जाए। बहुत सारे बच्चे क्लास मेें बैठकर साथ में एक ही टीचर से पढाई करते है। मगर उन मेे से कुछ ही बच्चे को ज्ञान हो पाता है। क्योकि,हर एक बच्चे के अंदर अलग — अलग हुनर होता है। बच्चो के मन मेे यह सवाल ज्यादा होता है कि,जब हमारा साथी वही पढाई कर सकता है। तो हम क्यो नही। वो उसके जैसी पढाई करनी की कोशिश भी करता है। लेकिन सफल नही हो पाता है। इसका कारण कोई भी नही जानता हैं। इसीलिए हम आपको पढाई ठीक से ढंग से करने के लिए सारी महत्वपूर्ण बातो के बारे मे बताएंगे।
बच्चे को पढाई समझ न आने का क्या है कारण ?
बच्चे कई कारणों से पढ़ाई में अच्छे नहीं हो पाते है जैसे कि,मोबाइल, टीवी और गेम बच्चों का ध्यान भटकाते हैं, जिससे वे किसी एक चीज पर लंबे समय तक ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते हैं।जब बच्चा ध्यान नहीं दे पाता, तो उसकी चीजों को समझने और याद रखने की क्षमता प्रभावित होती है। बच्चों को पारंपरिक किताबें अक्सर उबाऊ लगती हैं, खासकर जब उनकी तुलना आकर्षक डिजिटल कंटेंट से की जाती है।लगातार बेहतर प्रदर्शन करने का दबाव, अच्छे ग्रेड लाने की चिंता या परीक्षा का तनाव बच्चों को पढ़ाई से दूर कर सकता है। शांत और स्थिर जगह के बजाय शोरगुल वाले माहौल में पढ़ाई करने से ध्यान भटकता है।विटामिन बी जैसे पोषक तत्वों की कमी दिमाग पर असर डाल सकती है, जिससे फोकस करने में परेशानी होती है।स्क्रीन पर अधिक समय बिताने से भी ध्यान भटकता है और शारीरिक गतिविधियाँ कम हो जाती हैं।जब माता-पिता बच्चे के पास रहते हुए बहुत ज्यादा डांटते-फटकारते हैं, तो बच्चा और भी असहज और चिंतित महसूस करता है। जब बच्चों को प्रोत्साहन नहीं मिलता और उनसे बहुत अधिक उम्मीदें रखी जाती हैं, तो वे निराश हो सकते हैं और अपनी क्षमताओं पर संदेह करने लगते हैं।
कैसे आएंगी पढाई समझ ?
बच्चों को पढ़ाई में अच्छा बनाने के लिए,सुबह जल्दी उठना और रात को समय पर सोना एक अच्छी दिनचर्या का हिस्सा है।हर दिन पढ़ाई के लिए एक निश्चित समय तय करें ताकि बच्चा आदत डाल सके और टालमटोल से बच सके।पढ़ाई के बीच में छोटे-छोटे ब्रेक और मजेदार गतिविधियों के लिए समय निकालें। किसी खेल या शौक को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करें। बच्चे की रुचियों के अनुसार पढ़ाई को आकर्षक बनाएं। अगर उसे कहानियाँ पसंद हैं, तो उसे कहानियों के माध्यम से समझाएं।ऑडियो-वीडियो, फ्लैश कार्ड और पजल्स जैसे तरीकों का उपयोग करें ताकि पढ़ाई बोझिल न लगे।बच्चों को डांटने के बजाय समझाएं कि पढ़ाई क्यों जरूरी है। अच्छे प्रदर्शन पर उन्हें छोटे-छोटे इनाम दें, जैसे खेलने का समय बढ़ाना। मस्तिष्क के विकास के लिए स्वस्थ भोजन बहुत ज़रूरी है, जिसमें दालें, मेवे और विटामिन सी से भरपूर चीजें शामिल हों।पढ़ाई के लिए एक शांत और सुरक्षित जगह बनाएं, जहाँ बच्चा बिना किसी बाधा के ध्यान केंद्रित कर सके।बच्चे की शंकाओं को दूर करें और उन्हें सवाल पूछने के लिए प्रोत्साहित करें। रोजाना कुछ देर शारीरिक व्यायाम करने से दिमाग तेज होता है। बच्चों को सामाजिक दायरे में शामिल होने दें, इससे उनके व्यक्तित्व का विकास होता है।
बच्चे का नही लगे पढाई मे मन तो क्या है उपाय ?
बच्चे के पढ़ाई में मन न लगने पर सबसे पहले उसे पढ़ाई को मजेदार बनाना चाहिए। शुरुआत में किसी कहानी की किताब से पढ़ाना शुरू करें। फिर उससे कहें कि वह अपनी पसंद की लाइनों को अंडरलाइन करे। इससे वह सक्रिय रूप से पढ़ेगा और उसमें रुचि पैदा होगी।जब बच्चा कहानी की किताबों की आदत में ढल जाए, तो उसे धीरे-धीरे एकेडमिक किताबों की ओर ले जाएं, पहले कुछ लाइनें और फिर एक-एक पैराग्राफ करके पढ़ाएं।छोटे और प्राप्त करने योग्य लक्ष्य निर्धारित करें। जब बच्चा उन्हें पूरा कर ले, तो उसकी सराहना करें और उसे प्रेरित करें। बच्चे के पढ़ाई के माहौल से डिजिटल डिस्ट्रैक्शन जैसे कि, मोबाइल और टीवी को दूर रखें।पढ़ाई के कमरे में हरे रंग जैसी शांत और उत्पादक रंगत का प्रयोग करें, क्योंकि यह एकाग्रता बढ़ाता है।बच्चे की हर छोटी-बड़ी उपलब्धि की सराहना करें ताकि उसे लगे कि वह सही रास्ते पर है और उसे ज़रूरी प्रेरणा मिले।उसके भोजन में नट्स, बीज, और बेरीज जैसे दिमाग को बढ़ावा देने वाले खाद्य पदार्थ शामिल करें, जो दिमाग को सक्रिय रखने में मदद करते हैं।'पोमोडोरो तकनीक' जैसी एकाग्रता बढ़ाने वाली तकनीकें अपना सकते हैं, जिसमें कम समय के लिए पढ़ाई और फिर छोटा ब्रेक लिया जाता है। बच्चे की शिक्षक से बात करें और जानें कि वह कक्षा में कैसा प्रदर्शन कर रहा है, क्या वह ध्यान दे रहा है या खोया हुआ रहता है।

