भगवान सूर्य के वृत से आप होंगे ऊर्जावान,नवग्रहों के राजा है भास्कर
लोगो के द्वारा रविवार का व्रत बहुत ही ज्यादा रखा जाता हैं। लोगो के द्वारा रविवार व्रत भगवान सूर्य को प्रसन्न करने के लिए रखा जाता है। जिससे मनोकामनाएं पूरी होती हैं और स्वास्थ्य, धन व यश मिलता है। रविवार व्रत की विधि में सूर्योदय से पहले स्नान करना, सूर्यदेव को जल अर्घ्य देना, मंत्र जाप करना और कथा सुनना शामिल है। व्रत की अवधि एक साल, 12 रविवार या 30 रविवार तक हो सकती है।
lucknow
2:07 PM, Oct 5, 2025
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SKETCH BY- GOOGLE
उत्तर प्रदेश। लोगो के द्वारा रविवार का व्रत बहुत ही ज्यादा रखा जाता हैं। लोगो के द्वारा रविवार व्रत भगवान सूर्य को प्रसन्न करने के लिए रखा जाता है। जिससे मनोकामनाएं पूरी होती हैं और स्वास्थ्य, धन व यश मिलता है। रविवार व्रत की विधि में सूर्योदय से पहले स्नान करना, सूर्यदेव को जल अर्घ्य देना, मंत्र जाप करना और कथा सुनना शामिल है। व्रत की अवधि एक साल, 12 रविवार या 30 रविवार तक हो सकती है। लोग इस व्रत को अपनी पूरी सच्चाई और विश्वास के साथ करते हैं।
क्यो रखा जाता है व्रत ?
रविवार को सूर्य देव का व्रत रखने से स्वास्थ्य, मान-सम्मान, यश, धन-संपत्ति और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है और तथा कुंडली के सूर्य दोष कम होते हैं। जिससे जीवन में सकारात्मकता आती है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यह व्रत मानसिक व शारीरिक मजबूती देता है और चर्म रोग, नेत्र रोग जैसी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से भी मुक्ति दिलाता है।
व्रत को रखने से क्या लाभ मिलता है?
रविवार का व्रत लोगो के द्वारा सूर्य देव की कृपा को पाना के लिए किया जाता है। मान्याताओ के अनुसार रविवार का व्रत रखने से स्वास्थ्य, यश, आत्मविश्वास और धन-धान्य में वृद्धि होती है। यह व्रत रोगों, दोषों और चिंताओं को दूर करता है। हृदय और रक्त परिसंचरण को ठीक करता है और जीवन में सकारात्मकता लाता है। खासतौर पर जिन लोगो की कुंडली में कमजोर सूर्य को मजबूत करने और करियर में सफलता पाने के लिए भी यह व्रत फलदायी माना जाता है।