टॉर्पर बनने की चाहत क्यो नही होती है पूरी, इसके लिए अभिभावक भी जिम्मेदार...सोच में पड जाएंगे ?
देशभर में हर एक बच्चे के मन में टॉर्पर बनाने में चाहत होती है। लेकिन किसी न किसी कारण वो उसे सफल बनाने में असफल रहते हैं। बच्चे पढने में ध्यान तो देते हैं।लेकिन पढाई को सही ढंग से समझ नही पाते है। जिसके कारण वो टॉर्पर बनाने में असफल रहते हैं। यह मामला हर एक घर का चर्चा का विषय बना हुआ हैं।
UTTAR PRADESH
11:04 AM, Jul 16, 2025
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SKETCH BY GOOGLE
उत्तर प्रदेश।देशभर में हर एक बच्चे के मन में टॉर्पर बनाने में चाहत होती है। लेकिन किसी न किसी कारण वो उसे सफल बनाने में असफल रहते हैं। बच्चे पढने में ध्यान तो देते हैं।लेकिन पढाई को सही ढंग से समझ नही पाते है। जिसके कारण वो टॉर्पर बनाने में असफल रहते हैं। यह मामला हर एक घर का चर्चा का विषय बना हुआ हैं।
क्या करे कि,सही ढंग से हो पढाई?
बच्चो को पढने के लिए सबसे पहले अपने मन को शांत रखना चहिए। उसके बाद एक किताब को लेकर आराम से पढने के लिए बैठना चहिए। ऐसा करने से एक विषय पर ध्यान रहता है ओर जो भी पढते वो समझ में अच्छे तरीके से आता है। फिर जब एक विषय आपको अच्छे से समझ में आ जाए। तब दूसरे विषय पर ध्यान केंद्रित करना चहिए।
क्यो पढने के बाद नही हो पाते टॉर्पर?
पढना सिर्फ काफी नही होता हैं। बच्चो को लगता है कि,वो 2 से 3 घंण्टो के लिए किताब को लेकर बैठे रहेगे और उनको सब कुछ समझ में आ जाएगा। लेकिन जब पेपर समाने आता है तब उन्हे कुछ भी ध्यान नही रहता है। ऐसा इसलिए होता है क्योकि, वो सिर्फ दबाव में आकर किताबो को लेकर बैठे रहते हैं। वो अपना ध्यान पढाई पर लगाते ही नही हैं। उनका ध्यान तो बस टी0वी0,फोन,खेलकूद,घूमने में ही लगा रहता हैं।
ध्यान भटकने का मुख्य कारण क्या है?
पढाई करने के समय बच्चो के आस — पास फोन का होना ही सबसे बडा डिस्ट्रक्शन होता हैं। बच्चो को पढाई करने के लिए उनके माता — पिता फोन का इस्तेमाल करने देते हैं। लेकिन वो पढाई को छोड कर सब कुछ करते हैं। बच्चे दिखाने के लिए पढते बस। वरना फोन में वो गेम,इंस्टाग्राम,व्हाट्सएप,में ही लगे रहते है।
माता —पिता को बच्चो पर ध्यान देना चहिए
आज कल के माता — पिता अपने बच्चो पर बिल्कुल भी ध्यान ही नही देते है। वो अपने ही कमो में ही लगे रहते हैं। ऐसा करना बच्चो के लिए बहुत ही ज्यादा खतरनाक होता हैं। बच्चो को लगता है कि,वो चाहे कुछ भी करे उन्हे कहने वाला कोई भी नही हैं। इस तरह बच्चे गलत कदम उठा लेते हैं।