क्या देवी हुकुम वसुधा और देव की शादी के लिए मनेगी,क्या होगा इन दोनो के प्यार का अंजाम
जीटीवी चैनल पर वसुधा सीरियल को जनता के द्वारा अच्छा जवाब दिया जा रहा हैं। इस शो को लोगो ने अब पसंद करना शुरू कर दिया हैं। वसुधा सीरियल को 16 सितंबर को चालू किया गया था। मगर तब इस शो कोई खास पसंद नही किया जा रहा है। इस शो में अभिनेत्री वसुधा और अभिनेता देव को लोग बहुत ही पसंद कर रहे है। इस शो में अहम भूमिका निभानी वाली चंद्रिका सिंह चौहान को भी लोग पसंद कर रहे हैं।
uttar pradesh
2:25 PM, Aug 20, 2025
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SKETCH BY - GOOGLE
उत्तर प्रदेश। जीटीवी चैनल पर वसुधा सीरियल को जनता के द्वारा अच्छा जवाब दिया जा रहा हैं। इस शो को लोगो ने अब पसंद करना शुरू कर दिया हैं। वसुधा सीरियल को 16 सितंबर को चालू किया गया था। मगर तब इस शो कोई खास पसंद नही किया जा रहा है। इस शो में अभिनेत्री वसुधा और अभिनेता देव को लोग बहुत ही पसंद कर रहे है। इस शो में अहम भूमिका निभानी वाली चंद्रिका सिंह चौहान को भी लोग पसंद कर रहे हैं। यह शो एक प्रेमी कहानी के मुतबिक बनाया गया हैं। यह पर दिखाया गया है कि,कैसे एक छोटे से गांव की लडकी वसुधा अपने गांव से अपने बापू के पास आती हैं। जहां पर उसके बापू काम करते है। वहा की मालिक अपनी देवी हुकुम चंद्रिका की सेवा करने के लिए आती वसुधा आती है। वो अपनी सच्चाई और प्रेम के भाव से उनके पूरे घर का दिल जीत लेती है।
गांव से अपनी देवी हुकुम की सेवा करने के लिए आती है वसुधा
वसुधा का किरदार इस शो में एक सधारण लडकी के रूप में दिखाया गया है। जो अपने परिवार से बहुत ही प्यार करती है। लेकिन जब वो चंद्रिका सिंह चौहान के बारे में जानती है कि,वो कितनी महान है। वो हमेशा लोगो की मदद करती है। वो सही का साथ हमेशा देती है। अमीर गरीब की रेखा को वो वही मानती है। वो अपने घर में काम करने वाले नौकारो को भी अपना परिवार समझती है। जिसको लेकर वसुधा के मन में उनकी एक देवी जैसी छावी बन जाती हैं। जिसकी वजह से वो अपने गांव से अपनी देवी हुकुम की सेवा करने के लिए आती है। शुरूआत में जब वो आती है। तब उसको देवी हुकुम इतना पसंद नही करती है।क्येाकि वो हमेशा गलती करती रहती है। जिससे देवी हुकुम का कई बार बडा नुकसान होता है। जिसक वजह से देवी हुकुम उससे शुरूआत में ठीक ढंग से बात भी नही करती थी। उससे घर में आने को भी रोक लगा देती थी। मगर वसुधा अपने प्यार और सेवा भाव के साथ उनका दिल जीत लेती है। जिसके बाद देवी हुकुम भी उसको पसंद करने लगती है। वो उसकी हर एक बात को लेकर बहुत ही विश्वास जातती है। कोई भी अगर वसुधा का बुरा करने के लिए कुछ करता है। तो वो उसको नही छोडती है। उसको अच्छे तरीके से सजा देती है।
देवी हुकुम के दोनो बेटे वसुधा को बहुत ही पसंद करते
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देवी हुकुम के दो बेटे होते है जिसमें बडे वाले का नाम देव और छोटे वाले का नाम अवी होता है। देव अपनी मां का सबसे दुलारा बेटा होता है। देव अपनी मां के लिए कुछ भी कर सकता है। वही दूसरी ओर देवी हुकुम की जान भी देव में बसती है। लेकिन अवी तोडा — सा हटकर है वो मस्ती के साथ घूमता रहता है। वो अपनी मां के हिसाब से ज्यादा कुछ नही कर पाता है। इसलिए देवी उसकी मां उसको हमेशा सुनती रहती है। मगर वो अपने में ही रहता है। लेकिन जब घर में वसुधा आती है। तब वो उसको देखता है। अवी को वसुधा में कुछ अच्छा लगता है। जिससे वो उसके साथ अपनी दोस्ती को बनाने की कोशिश करता है। लेकिन वसुधा उसे मना कर देती है। एक बार अवी घर पर शराब पीकर आता है। तब वसुधा उसको घर वालो से बचा लेती है। जिसके बाद से ही अवी उसको बहुत ही अच्छा दोस्त मानने लगता है। एक बार वसुधा का कुत्ता जिसका नाम गुल्की होता है। वो खो जाता है। जिसको लेकर वसुधा बहुत ही दुखी होती है। लेकिन अवी उसको खोज लाता है। जिसके बाद इन दोनो की दोस्ती हो जाती है। देव वसुधा को शुरूआत में अपनी मां की वजह से ज्यादा पसंद नही करता है। क्योकि,एक बार देवी हुकुम की तस्वीर उनके पति ने उनकी सालगिरह के दिन के लिए बनाई थी। मगर वो वसुधा से गलती से जल जाती है। जिसकी वजह से वो वसुधा को थप्पड मार देता है।
देव गुस्सा हो रखी वसुधा को मानने की कोशिश में जुटा
इस कहानी में देव और वसुधा की लवस्टोरी को इस समय दिखाई जा रहा है। पहले देव वसुधा को भले ही नही पसंद नही करता था। लेकिन वसुधा ने कई बार उसके घर वालो के लिए बहुत कुछ किया है। वसुधा ने कई बार तो उसके पिता और उसकी मां की जान भी बचाई है। जिसको लकर उसकी सोच वसुधा के प्रति बदल जाती है। जिसके बाद वसुधा और देव की दोस्ती हो जाती है। इन दोनो के बीच दोस्ती तो नाम की होती है। सच्चाई तो यह होती है कि,वसुधा के साथ देव एक शूट के दौरान नकली शादी करता है। मगर वसुधा उस शादी को लेकर बहुत ही भावुक हो जाती है। वो उस शादी को असली की शादी मानती है। देव के कहने पर वो दिखाती है कि,वो समझ गई। मगर वो अपने गले से मंगल सूत्र नही निकालती है। वो देव को अपना पति ही मानती है। लेकिन उस समय देव वसुधा से प्यार करता है। यह अहसास देव को भी नही था।क्याकि,अपनी कंपनी के लोगो वाली आंखो का दिवाना है। लेकिन वो आंखे वसुधा की होती है। उसे यह पता नही होता है। लेकिन जब वसुधा उसे छोड कर अपने गांव वापस चली जाती है। तब देव को सब मालूम हो जाता है। अभी फिलहाल यही दिखाया जा रहा है कि, देव वसुधा को मानने के लिए उसके गांव में है।