organization of religious parliaments News :धर्म संसदों का आयोजन राजनीति मात्र वास्तविक ब्रज के संरक्षण पर कोई धर्माचार्य नहीं बोलते। कथावाचक कौशल किशोर ठाकुर

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उत्तर प्रदेश/मथुरा: श्रीकृष्ण जन्मभूमि केस में वादी सनातन धर्म रक्षापीठ वृंदावन के पीठाधीश्वर कथावाचक कौशल किशोर ठाकुर ने आयोजित हो रही धर्म संसदों पर कटाक्ष प्रहार किया। उन्होने कहा कि, वृंदावन में दो दो धर्म संसद हुईं दिल्ली में भी बड़े स्तर से सनातन धर्म संसद का आयोजन देवकीनंदन द्वारा किया गया। लेकिन किसी धर्माचार्य कथावाचक या संत ने ब्रज की मूल समस्याओं पर कोई चिंता नहीं जताई। जब ब्रज में संत नहीं रहेंगे आश्रम मंदिर मठ नहीं रहेंगे तो किस धर्म का संरक्षण करेंगे धर्म संसद के मठाधीश ?

कौशल किशोर ठाकुर ने ब्रज के आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण परव्यक्त की चिन्ता

उन्होने कहा कि, वृंदावन और ब्रज क्षेत्र में पिछले 5 बर्ष में एक सौ से अधिक मंदिर मठ आश्रमों पर अवैध कब्जा भूमाफियाओं द्वारा किए गए। यही नहीं कई संतों की रहस्यमयी तरीके से हत्याऐं तक हो गई। आश्रमों पर कब्जा कर माफिया वर्ग होटल रेस्तरां बनाने में लग गए हैं। यमुना का जल आचमन के योग्य भी नहीं रहा। कोई धर्माचार्य यमुना की शुद्धि पर नहीं बोलता यमुना के शुद्धि के लिए धर्म संसद क्यों नहीं करते? वृंदावन में नगर निगम द्वारा दीवारों पर वाल पेंटिंग के माध्यम से श्रीकृष्ण की लीलाओं का चित्रण किया गया है। लेकिन उनके सामने नाले की गंदगी का ढेर और नाले के किनारे लोग उस चित्र के सामने पेशाब करते है।तो क्या उससे सनातन धर्म का ह्रास नहीं हो रहा? ऐसी तमाम समस्याएं हैं जो ब्रज के आध्यात्मिक सांस्कृतिक विरासत का पतन करने में कामयाब होती जा रही हैं । लेकिन धर्माचार्यों और ब्रजवासियों को इसकी कोई चिंता नहीं । सब राजनैतिक मंचो पर धर्म संसद और धर्म के अस्तित्व संरक्षण की बातें करेंगे। लेकिन धरातल पर सब मौन धारण कर लेंगे ।आखिर इतनी धर्म संसदों में ब्रज के संतो पर हो रहे अत्याचार पर बोलने में क्या समस्या आती है? इन्हें वास्तविकता तो ये है आज ब्रज के बड़े— बड़े मठाधीश राजनैतिक हो गए हैं। उन्हें न धर्म से मतलब न धर्म के संरक्षण से उन्हें बड़े — बड़े दक्षिणा रूपी लिफाफा जहां से पहुंच जाएं बस वहीं के अधिकार की लड़ाई लड़ने मैदान में आ जाते हैं। आखिर ब्रज के मठाधीशों और राजनैतिक संतो का ये मौन और अकर्मण्यता बहुत ही दुखद और भयावह है ।