उत्तर प्रदेश/लखनऊ आलमबाग के करीब सुबह लगभग 12 बजे के आस – पास भीषण ट्रेन हादसा हुआ। बता दे कि, तीन ट्रेने आपस मे टकराकर गई। जिस कारण उसकी बोगिया आपस में एक दूसरे पर चढ गई। घटना मे कई यात्री घायल हुए। जिसके बाद कई यात्री अपनी जान बचाने के लिए इधर..ऊधर भागने लगे रेलवे और जिला प्रशासन को सूचना मिलते ही मौके पर NDRF , SDRF , G.R.P , R.P.F , POLICE , फायर ब्रिगेड के साथ मेडिकल टीम यात्रियों को बचाने के लिए पहुंच गई।
घायल यात्री मॉकड्रिल कर कैसे लोगो को बचाया जाता है दिखाया गया है
बता दे कि, ट्रेन एक्सीडेंट होते ही चारों ओर हाहाकार मच गया देखते ही देखते कोच में आग लग गई कई यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए । लेकिन ये सब अधूरा सच है। बता दे कि, ये सब रेलवे के द्वारा एक छोटा सा अभ्यास किया गया है। जिसे मॉकड्रिल कहते है। एस0एम0शर्मा नार्थर्न रेलवे लखनऊ घटना स्थल पर पहुंच कर स्थिति का जायजा लेते हुए घायलों का हाल जाना। यह नॉर्दन रेलवे द्वारा आयोजित आलमबाग यार्ड में मॉक ड्रिल का हिस्सा था। जिसमें रेलवे से लेकर जिला प्रशासन की तत्परता परखी गई।
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क्या होता है मोकड्रिल?
मॉकड्रिलश्एक ऐसा परिदृश्य है जिसमें प्रतिभागी अभ्यास करते हैं कि वे किसी आपदा या आपातकाल की स्थिति में कैसे प्रतिक्रिया देंगे । सुरक्षा के लिए दुनिया भर के स्कूलों, कॉलेजों, अस्पतालों, अपार्टमेंट, उद्योगों और संगठनों में मॉक ड्रिल आयोजित की जाती हैं। ऐसा ही आयोजन आज आलमबाग के करीब हुआ। जहां पर इन तीन ट्रेनो को आपस मे टकराया गया।
क्यो किया जाता है मॉकड्रिल अभ्यास?
मॉक ड्रिल इस बात का पूर्ण प्रदर्शन है कि जब भी कोई आपदा आए तो कैसे प्रतिक्रिया करनी है। यह संभावित त्रुटियों और जोखिमों की पहचान करता है। विभिन्न आपदा नियंत्रण विभागों के बीच समन्वय में सुधार करता है । यह दिखाता है कि ऊंची मंजिलों, इमारतों में फंसे लोगों को कैसे बचाया जाए। खासकर रेलवे द्वारा शून्य दुर्घटना और कोहरे के दौरान रेल डिरेलेमेंट की संभावनाओं के मद्देनजर भी मॉकड्रिल अभ्यास अक्सर किया जाता है।
ट्रेन मे टीम के लोगो को पूरी सुरक्षा के साथ बैठाया गया
बता दे कि,इस हादसे मे किसी को कोई खासा चोट चपेट नही आई है। क्यो कि,इस अभ्यास मे टीम के ही ट्रेंड लोगो को पूार सुरक्षा के साथ बैठाया गया था। जिस कारण उन्हे कोई भी नुक्सान नही हुआ है।