उत्तर प्रदेश/नई दिल्ली मदरसों में पढ़ाई बंद करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कई गंभीर सवाल एनसीपीसीआर पर उठाए है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस फैसले पर सुनवाई करते हुए सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने कहा, की केद्र सरकार और राज्य सरकार इस तरह 700 साल के इतिहास को बर्बाद नहीं कर सकती । उन्होने कहा कि, मदरसो मे पढ़ाई होती या नही इस पर बात हो सकती है।लेकिन इसी बीच सीजेआई ने ऐसा सवाल उठा दिया, जिसे सुनकर सबह हक्के बक्के रह गए।
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने पूछा
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने पूछा कि, क्या आरटीई विशेष रूप से मदरसों पर लागू होता है या नहीं? CJI ने कहा कि क्या भारत में हम कह सकते हैं कि शिक्षा के अर्थ में धार्मिक शिक्षा शामिल नहीं हो सकती? यह मूलतः एक धार्मिक देश है। मदरसों को बंद करने के आदेश पर सीजेआई ने कहा कि क्या यह आपके राष्ट्रीय हित में है कि आप मदरसों को समायोजन करें।
सलमान खुर्शीद का जवाब
CJI के सवाल पर पूर्व केंद्रिय मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा, था कि अनुच्छेद 28 के तहत मदरसे तभी आ सकते हैं, जब पूरा का पूरा खर्च सरकार उठाती हो, लेकिन यहां ऐसा कुछ भी नहीं है। यहां तो सरकार केवल शिक्षकों को सैलरी देती है। इसलिए वह कानून लागू ही नहीं हो सकता। मदरसा बोर्ड ही उनका मालिक है। वही नियम लागू कर सकता है।