Lucknow News: बख्शी का तालाब इन्टर कॉलेज में कुछ ऐसे मनाया गया शिक्षक दिवस

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उत्तर प्रदेश/लखनऊ। हर वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। इस दिन हर कोई अपने गुरु या शिक्षक का सम्मान करता है। स्कूलों में विशेष आयोजन होते हैं। गुरु-शिष्य परंपरा से बच्चों का परिचय करवाया जाता है। शिक्षक दिवस के अवसर पर बीकेटी इन्टर कॉलेज में विशेष कार्यक्रम हुए हैं। बच्चों ने अपने शिक्षकों का सम्मान करते हुए उनका आर्शिवाद भी लिया है। इसके अलावा जीवन में सफलता के बड़े मुकाम पर पहुंचाने वाले शिक्षको को बच्चों ने भाव पूर्ण धन्यवाद भी दिया है। कहा जाता है कि,इस दिन शिक्षक भी अपने बच्चों को जरूर याद करते है।

लखनऊ के बीकेटी क्षेत्र में सीतापुर हाईवे पर स्थित बख्शी का तालाब इन्टर कॉलेज के छात्र एंव छात्राओं ने शिक्षक दिवस के इस शुभ अवसर बहुत ही प्रेम भाव अपने शिक्षको को सम्मानित किया है। वही बच्चों की शानदार प्रस्तुति शिक्षक भी भाउक होकर रो दिए। इस दिन शिक्षक के प्रति शिष्य का प्रेम नजर आया है।
बच्चों ने मनोरंजन के साथ शिक्षकों का कक्षा में स्वागत किया है। जिसके बाद बच्चों द्वारा लाए गए केक को काटकर शिक्षक दिवस की परम्परा को निभाया है।

बच्चों ने गुब्बारे लगाकर सजाया क्लास रूम

बच्चों ने अपनी कक्षा को गुब्बारों,झालर और फुलों से सजाया है। जिसके बाद शिकक्ष को सुन्दर गीत सुनाकर उनका स्वागत किया है। साथ ही नांच,गाना और कविताओं से उनको खुश किया है। वही उनको सम्मान पूर्वक उपहार भी दिए है। उपहार में बच्चों ने पेन,चॉकलेट के अन्य उपहार भी दिए है।

शिक्षक की आंख से छलके आंसू

बच्चों का शिक्षक के प्रति प्रेम देख शिक्षक की आंखों में आंसू आ गए। बच्चों की भावना देखकर शिक्षक को बहुत ही गर्व महसूस हुआ। उन्होने बच्चों की आगे बढ़ने की अपेक्षा को और मजबूत कर दिया। ताकि आने वाले समय में उनके द्वारा दी गई शिक्षा बच्चों का जीवन सफल बनाए। बच्चों ने शिक्षक के सामने कुछ स्लोक भी प्रस्तुत किए।

स्लोक कुछ इस तरह से

गुरुं विना भाति न चैव शिष्यः शमेन विद्या नगरी जनेन ॥ गुरुः साक्षात्‌ परब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः॥ त्वमेव माता च पिता त्वमेव, त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव। दुग्धेन धेनुः कुसुमेन वल्ली शीलेन भार्या कमलेन तोयम् । गुरुं विना भाति न चैव शिष्यः शमेन विद्या नगरी जनेन ॥ एकमप्यक्षरं यस्तु गुरुः शिष्ये निवेदयेत् । पृथिव्यां नास्ति तद् द्रव्यं यद्दत्वा ह्यनृणी भवेत् ॥