उत्तर प्रदेश/लखनऊ। यूपी के गाजियाबाद में पुलिस रात को गश्त कर रही थी। तभी उन्हें एक कार दिखी,जिसमें चार युवक गंदे कपड़े पहनकर घूम रहे थे। पुलिस ने जब कार की तलाशी ली तो उसमें जो मिला देख अफसर ने सुकून की सांस ली। चेकिंग में पुलिस को एलईडी टीवी,मोबाइल फोन,1.5 लाख रुपए और क्रेटा गाड़ी मिली जिसे पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया। दरअसल, 13 सितंबर को मोदीनगर में सचिन कुमार ने एक रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसमें उसने बताया था कि,उसकी दुकान से देर रात 90 से ज्यादा मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक सामान की चोरी हुई है। जिसके बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आगे की जांच शुरू की थी।
26 तारीख की रात को पुलिस ने मोदीनगर इलाके में संदिग्ध व्यक्तियों को घूमते हुए देखा और उनकी गाड़ी की चेकिंग की। चेकिंग के दौरान उनकी गाड़ी से 1.5 लाख रुपए नगद,3 एलईडी टीवी और चोरी के मोबाइल फोन बरामद हुए। पुलिस ने चारों युवकों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस पूछताछ में इन चारों लोगों ने बताया कि,इन लोगों ने 12 सितंबर को भी मोदीनगर में एक दुकान से 100 मोबाइल चोरी किए थे। इन चोरी के मोबाइलों को उन्होंने साढ़े चार लाख रुपए में नोएडा के एक आदमी को बेचे हैं,जिसमें से उन्होंने 2.5 लाख रुपए नगद लिए थे और बाकी के पैसे बकाया थे।
मोबाइल की दुकानों को बनाते शिकार
इससे पहले भी इन लोगों ने कई मोबाइल की दुकान को अपना निशाना बनाया,जहां से उन्होंने लाखों रुपए के मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक सामान की बड़ी चोरी की है। यह लोग अपने शौक पूरा करने के लिए मोबाइलों की दुकान को टारगेट किया करते थे, ताकि मोबाइल फोन हर आदमी को चाहिए होता है। वह अच्छे दामों में फोन खरीद लेते हैं। पुलिस इनसे और पूछताछ कर रही है कि,कहां-कहां लोगों ने मोबाइल फोन बेचे हैं। अब तक कितने मोबाइल की दुकानों को इन्होंने अपना टारगेट बनाया है।
नोएडा में भी की थी चोरी
दरअसल,यह लोग पहले भी चोरी के मामले में नोएडा जेल में रह चुके हैं। इसी दौरान उनकी मुलाकात नोएडा के एक रहने वाले मोबाइल चोर से हुई थी। जिसेने इनको कहा कि,मोबाइल की चोरी करके इन्हें अच्छा मुनाफा होगा,इसलिए यह लोग मोबाइलों की दुकान से महंगे मोबाइल फोन की चोरी करके नोएडा में उसको कम दामों पर बेच दिया करते थे। पुलिस अब उसकी गिरफ्तारी के लिए लगी हुई है,क्योंकि वह कभी भी अपनी दुकान या घर पर उनसे माल नहीं लिया करता था। सूनसान जगह पर उनसे माल की डिलीवरी लेकर उनको वहीं पर पैसे देकर भेज दिया करता था। जल्दी उसको भी गिरफ्तार किया जाएगा। मोबाइलों के नंबर से उनको ट्रेस किया जा रहा है।