उत्तर प्रदेश/लखनऊ। प्रदेश की राजधानी लखनऊ में डेंगू के मामलों में अचानक से उछाल देखने को मिल रहा है। पिछले 24 घंटों में 21 नए मरीजों के सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। अधिकारियों के मुताबिक साल 2024 का अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। डेंगू के कुल मामले 284 केस हो गए हैं।
डेंगू बढ़ा रहा अपनी संख्या
इस खतरनाक डेंगू का शिकार सितंबर भर में ही 181 लोग हुए है। इससे पहले भी काफी लोग डेंगू का शिकार हो चुके है। इससे पहले जनवरी से अगस्त तक कुल 103 मरीज ही मिले थे,लेकिन अब हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं। इस खतरनाक डेंगू से बच्चों को भी बहुत परेशानी हो रही है। पनप रहे डेंगू से न जाने कितने लोगों की मौत हो चुकी है।
स्वास्थ्य विभाग ने बताया
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक राजधानी लखनऊ में डेंगू के कुल 284 मामले सामने आए हैं। जिनमें से 50 से अधिक मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. मनोज अग्रवाल ने बताया कि,डेंगू को लेकर अस्पताल हाई अलर्ट पर हैं और अधिकतर मरीजों का इलाज घर पर ही किया जा रहा है। शहर के विभिन्न इलाकों जैसे आलमबाग, इंदिरा नगर,गोमतीनगर एक्सटेंशन,गोसाईगंज,माल और चिनहट क्षेत्रों में डेंगू के नए मामले सामने आ रहे हैं। नगर स्वास्थ्य अधिकारी प्रवीण श्रीवास्तव के मुताबिक डेंगू से बचाव के लिए शहर भर में फॉगिंग और एंटी लार्वा का छिड़काव किया जा रहा है। तालाबों और फव्वारों में गम्बूजिया मछलियां छोड़ी जा रही हैं,जो मच्छरों के लार्वा को खा जाती हैं।
ड्रोन कैमरा छिड़केगा दवाई
तालाबों और बड़े जलाशयों में ड्रोन से एंटी लार्वा का छिड़काव कराया जा रहा है ताकि मच्छरों की बढ़ती संख्या को रोका जा सके। विशेष जागरूकता अभियान 19 से 26 जून तक विशेष अभियान चलाया गया था,जिसमें डेंगू के लार्वा को ढूंढने और नष्ट करने के प्रयास किए गए। इसमें विभिन्न कॉलोनियों में जाकर जांच की जा रही है और लार्वा पाए जाने पर जुर्माना भी लगाया जा रहा है।
बचाव के लिए थोड़ा रहे सावधान
सरकारी अस्पतालों में डेंगू मरीजों के लिए 100 से अधिक बेड रिजर्व कर दिए गए हैं। सिविल अस्पताल में 30,बलरामपुर में 30,लोकबंधु में 20,रामसागर मिश्रा में 10 और रानीलक्ष्मीबाई अस्पताल में 10 बेड डेंगू मरीजों के लिए सुरक्षित रखे गए हैं। जरूरत पड़ने पर बेड की संख्या और बढ़ाई जा सकती है। घर के आसपास पानी जमा न होने दें। गमलों,कूलर और टायर में पानी जमा होने पर तुरंत निकालें। कूलर में पानी होने पर कैरोसिन तेल डालें,जिससे मच्छर पनपने न पाएं।
इन बातों का रखे ध्यान
फुल स्लीव कपड़े पहनें और पैरों को ढकने वाले कपड़े पहनें। मच्छरों से बचाने वाली क्रीम का इस्तेमाल करें,खासकर बच्चों के लिए। बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवा न लें। ज्यादा से ज्यादा पानी और तरल पदार्थों का सेवन करें। हल्का और सादा भोजन खाएं। डेंगू के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग ने कई योजनाएं और तैयारियां की हैं। स्वास्थ्य विभाग का मुख्य फोकस डेंगू के प्रसार को रोकने और इसके प्रभाव को कम करने पर है। इसके तहत निम्नलिखित योजनाएं और उपाय अपनाए जा रहे हैं। शहर के डेंगू प्रभावित क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर फॉगिंग और एंटी लार्वा छिड़काव का काम तेजी से किया जा रहा है। इससे मच्छरों की संख्या को नियंत्रित किया जा सकेगा। ड्रोन के जरिए तालाबों,जलाशयों और अन्य पानी वाले इलाकों में एंटी लार्वा का छिड़काव किया जा रहा है,ताकि मच्छरों के लार्वा को नष्ट किया जा सके। गंदे पानी के स्रोतों को साफ करने और रोकथाम करने के लिए गम्बूजिया मछलियां छोड़ी जा रही हैं। जो मच्छरों के लार्वा को खा जाती हैं। स्कूल,कोचिंग और संस्थानों में जाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है,ताकि डेंगू के बचाव के लिए घरों में पानी न जमा होने दिया जाए।
स्वास्थय विभाग द्वारा निर्देश
डेंगू के मामलों पर लगातार नजर रखने के लिए 24×7 मॉनिटरिंग की जा रही है। सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में हेल्पलाइन की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है,ताकि मरीजों को सही समय पर इलाज मिल सके। समुदाय के सहयोग से काम नगर निगम और पार्षदों के सहयोग से सामुदायिक स्तर पर सफाई अभियान चलाए जा रहे हैं। स्थानीय संगठनों के साथ मिलकर फीडबैक सिस्टम तैयार किया गया है,जिससे डेंगू से प्रभावित इलाकों में तेजी से काम किया जा सके। डेंगू से बचाव के लिए व्यापक दिशा-निर्देश दिए गये है।
अस्पताल में भी उपलब्ध रहेंगी सुविधा
गंभीर मरीजों के लिए अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं। मरीजों की प्लेटलेट मॉनिटरिंग और समय पर सही उपचार के लिए सभी मेडिकल स्टाफ को प्रशिक्षित किया जा रहा है। डेंगू के लक्षणों वाले मरीजों को घर पर भी आराम करने की सलाह दी जा रही है और गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी जा रही है। यह योजनाएं योगी सरकार और स्वास्थ्य विभाग की ओर से डेंगू के बढ़ते प्रकोप को नियंत्रित करने और राज्य की जनता को सुरक्षित रखने के लिए लागू की जा रही हैं।