उत्तर प्रदेश/लखनऊ जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असअद मदनी के निर्देश पर जमीयत उलमा-ए- हिंद के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल, जो बहराइच के दंगा प्रभावित क्षेत्रों में पीड़ितों की सहायता के लिए जा रहा था, उसे आज शाम लखनऊ हवाई अड्डे पर उतरते ही पुलिस एजेंसियों ने हिरासत में ले लिया। पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया और बहराइच जाने की अनुमति नहीं दी। प्रतिनिधिमंडल में जमीयत उलमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी के साथ मौलाना गयूर कासमी भी शामिल थे।
जमीयत का प्रतिनिधिमंडल बिना भेद भाव के करता है मदद
यह उल्लेखनीय है कि जमीयत का प्रतिनिधिमंडल दिल्ली से बहराइच के लिए रवाना हुआ था। इस दौरे का उद्देश्य बहराइच के प्रभावित लोगों से मिलना, उनकी स्थिति की जानकारी लेना और उनकी हर संभव मदद करना था। जमीयत उलमा-ए-हिंद ने हमेशा देश में शांति, भाईचारे और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने का काम किया है, और बिना किसी धार्मिक भेदभाव के हर प्रकार के पीड़ितों की सहायता करना अपना कर्तव्य समझा है।
जमीयत उलमा-ए-हिंद ने की पुलिस की निंदा
जमीयत उलमा-ए-हिंद प्रतिनिधिमंडल का की वो पुलिस के इस कदम पर गहरी चिंता व्यक्त करते है और यह सवाल उठाते है कि आखिर पीड़ितों की मदद के लिए जा रहे प्रतिनिधिमंडल को रोकने का क्या कारण है? जमीयत उलमा-ए-हिंद यह मांग करती है कि प्रतिनिधिमंडल को तुरंत रिहा किया जाए और उन्हें अपना कार्य पूरा करने की अनुमति दी जाए। जमीयत उलमा-ए-हिंद हर हाल में अपने सामाजिक और मानवीय कर्तव्यों का पालन करती रहेगी, और ऐसे कदम उनकी संघर्षशीलता को रोक नहीं सकते।