उत्तर प्रदेश/लखीमपुर खीरी जिले में ’दुधवा महोत्सव 2024’ का आयोजन किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह बतौर मुख्य अतिथि 25 नवंबर को दुधवा नेशनल पार्क में महोत्सव का शुभारंभ करेंगे। पर्यटन विभाग के सहयोग से आयोजित इस महोत्सव में कई कार्यक्रम होंगे। इसी दिन से दुधवा आने वाले सैलानियों के लिए हवाई सेवा की शुरुआत भी होगी। उक्त कार्यक्रम में वन मंत्री अरुण सक्सेना के साथ-साथ वन विभाग और पर्यटन विभाग के उच्च अधिकारियों की भी उपस्थिति रहेगी।
आकर्षण का केंद्र है दुधवा नेशन पार्क
दुधवा नेशनल पार्क सैलानियों को खासा आकर्षित करता है। जैव विविधता वाले देश के चुनिंदा पर्यटन स्थलों में एक दुधवा सैलानियों की पहली पसंद रही है। लखनऊ के चौधरी चरण सिंह हवाई अड्डे से एक विमान 25 नवम्बर को पलिया हवाई अड्डे के लिए उड़ान भरेगा। दोनों मंत्री एक संयुक्त प्रेस वार्ता को भी संबोधित करेंगे। फिर, दुधवा महोत्सव में शामिल होंगे।
लखनऊ से दुधवा का किराया पांच हजार रुपए
लखनऊ से दुधवा के लिए हेली सर्विस का आनंद लेने के इच्छुक प्रति सैलानी के लिए किराया करीब पांच हजार रुपए निर्धारित किया गया है। इस दौरान, उ.प्र. ईको टूरिज्म विकास बोर्ड द्वारा आयोजित नेचर गाइड ट्रेनिंग प्रोग्राम के मेधावियों को प्रमाण-पत्र वितरित किया जाएगा। दुधवा नेशनल पार्क पर आधारित एक वीडियो फिल्म का प्रसारण भी होगा। तत्पश्चात, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह कार्यक्रम को संबोधित करेंगे। अपने उद्बोधन के बाद पर्यटन मंत्री टाइगर सफारी के लिए प्रस्थान करेंगे।
दुधवा महोत्सव 2024 राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने का एक बड़ा अवसर
उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा, दुधवा महोत्सव 2024 राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने का एक बड़ा अवसर है। इस महोत्सव के जरिए उत्तर प्रदेश के समृद्ध प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहरों को राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत करने का प्रयास किया जा रहा है। यह आयोजन दुधवा नेशनल पार्क में होगा, जहां जैव विविधता और पर्यटन के विकास को केंद्र में रखा जाएगा। राज्य में पर्यटन के निरंतर विकास में विभाग का ये प्रयास मील का पत्थर साबित होगा।
दुधवा का कोर जोन 884 वर्ग किलोमीटर में स्थापित
उत्तर प्रदेश का एकमात्र राष्ट्रीय उद्यान दुधवा का कोर जोन 884 वर्ग किलोमीटर में स्थापित है। इसकी ख्याति देश-दुनिया में है। दुधवा राष्ट्रीय उद्यान में विभिन्न प्रकार के बेशकीमती वृक्ष, पौधे, घासें, बाघ, तेंदुआ, भालू, हाथी, गैंडा, हिरण, सरीसृप, पक्षी व अन्य जीव-जंतु पर्यटकों को विशेष रूप से आकर्षित करते हैं। इस राष्ट्रीय उद्यान की जैवविविधता की अलौकिकता, इसके मनोहारी दृश्य पर्यटकों को यहां बार-बार आने को प्रेरित करते हैं।
क्षेत्रीय निवासियों, थारु जनजाति को की जाती है वरीयता प्रदान
दुधवा राष्ट्रीय उद्यान देखने हेतु यहां संचालित पर्यटन सेवाओं में आस-पास के क्षेत्रीय निवासियों, थारु जनजाति को वरीयता प्रदान की जाती है। पर्यटन क्षेत्र में वर्तमान में 90 नेचर गाइड, 60 वाहन चालकों को रोजगार प्राप्त है। इसी तरह, दुधवा के आस-पास वनों पर निर्भरता को कम किए जाने की दृष्टि से संचालित ईको विकास समितियां भी पर्यटन में सेवाएं प्रदान कर रही हैं। इस प्रकार सैकड़ों अन्य लोगों को रोजगार प्राप्त है।