उत्तर प्रदेश/लखनऊ। इस तरह की नौकरियाँ सीधे तौर पर व्यवसाय,विज्ञान,राजनीति और पर्यावरण से जुड़ी होती हैं। जिस तरह से नौकरियों और काम-काज का स्वरूप बदल रहा है उस हिसाब से कई ऐसी नौकरियां जो आज के समय में हैं वो आने वाले समय में शायद न रहें। इसके लिए विश्व आर्थिक मंच के हाल के एक अध्ययन ने मुख्य रूप से दो बातों को ज़िम्मेदार बताया है।
जिसके मुताबिक़,रोज़ नई—नई टेक्नोलॉजी का आना और इसके कारण ऑटोमेशन के बढ़ते प्रभाव के साथ—साथ ग्रीन ईकोनॉमी के तहत सतत विकास के लिए उठाए जा रहे क़दमों के कारणों को ही इस स्थिति के लिए ज़िम्मेदार ठहराया गया है। बिग डेटा,क्लाउड कंप्यूटिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के कारण आई नई टेक्नोलॉजी के कारण श्रम क्षेत्र में बड़े बदलाव की संभावना व्यक्त की जा रही है।
ग्रीन जॉब्स
गैर-पारंपरिक ऊर्जा का विकास,ऊर्जा के नए स्रोत,बैटरी,साथ ही लुप्तप्राय प्रजातियों का संरक्षण, व्यवसाय परामर्श या क़ानूनी सलाह और पर्यावरण संरक्षण क़ानून क्षेत्र में उभर सकते हैं। इसके साथ ही आने वाले समय में शहरी योजनाकारों,वास्तुकारों,डिज़ाइनरों और स्मार्ट घरों के डेवलपर्स की भी आवश्यकता ख़ूब बढ़ेगी।
नई तकनीकों को समझने वालों की ज़रूरत पड़ेगी
आने वाले समय में सूचना प्रौद्योगिकी और नई प्रौद्योगिकियाँ निस्संदेह बेहद महत्वपूर्ण क्षेत्र हो जाएंगे। ऐसे में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के कारण कई नए अवसर भी खुलेंगे। इस क्षेत्र में प्रॉम्प्ट इंजीनियर सबसे महत्वपूर्ण अवसर साबित होने वाला है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में संचार विशेषज्ञ के रूप में जाने वाले व्यक्ति को प्रॉम्प्ट इंजीनियर कहा जाता है।
प्रॉम्प्ट इंजीनियर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का कार्य
एक प्रॉम्प्ट इंजीनियर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मनुष्यों के बीच एक कड़ी के रूप में कार्य करता है और कार्य क्षेत्र में उत्पन्न होने वाली किसी भी स्थिति का प्रबंधन भी ठीक से करता है। इसके साथ सिक्योरिटी इंजीनियर,मशीन और आदमी के बीच उचित संपर्क के लिए यूज़र फ्रेंडली इंटरफेस का डेवलपर होना भी इस क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण अवसर पैदा करेगा। आमतौर से लोगों को आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस को एक प्रतिस्पर्धी के बजाय एक भागीदार के रूप में देखना चाहिए। साथ ही इस बात को समझने पर ज़ोर देना चाहिए कि,इसके साथ सहयोग कैसे करना है।
बिग डेटा वर्क
बिग डेटा विश्लेषण के क्षेत्र में भी कई अवसर आने वाले हैं। कंट्रोल सिस्टम,हार्डन कोलाइडर या नेटफ्लिक्स जैसी वेबसाइटों के माध्यम से भी जानकारी इकट्ठा करने के अवसर आने वाले हैं। आने वाले सालों में अत्यधिक संवेदनशील सूचनाओं का आदान-प्रदान हर जगह होते रहने के कारण साइबर सुरक्षा तकनीशियनों की नौकरी की भी कोई कमी नहीं रहेगी। साथ ही आने वाले समय में वित्तीय क्षेत्र में टेक्नोलॉजी,व्यापार विश्लेषकों और ब्लॉकचेन सिस्टम डेवलपर्स की भी आवश्यकता बड़े पैमाने पर होगी।