Shardiya Navratri News 2024 :देश से लेकर विदेशो के मंदिरो मे लग रहे मां के जयकारे,इस बार मां के झूले पर सवार होकर आने से घरो मे शुरू होगे मांगलिक कार्य

Share

Loading

उत्तर/लखनऊ। देश भर मे शारदीय नवरात्रि की धूम मची हुई। भक्त मां शेरा वाली की भक्ति मे लीन नजर आ रहे है। नवरात्रि के पहले दिन मां के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा का विधान है। आज देश ही नही बल्कि विदेशो के भी देवी मंदिरो मे मां के जयकारे लग रहे है। भक्त मां शेरा वाली की भक्ति में लीन नजर आ रहे है। तो वही राजधानी लखनऊ के बख्शी का तालाब स्थित मां चंद्रिका देवी मंदिर मे भी शारदीय नवरात्रि के पहले दिन भक्त सुबह से ही मां के दर्शन करने के लिए लंबी कतरो मे खड़े है। नवरात्रि के मौके पर कई मंदिरो में भंडारे का भी आयोजन किया जा र​हा है।

इस शारदीय नवरात्रि आखिर क्या है खास?

इस बार कि,शारदीय नवरात्रि काफी खास मानी जा रही है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस बार मां झूले पर सवार होकर हमारे बीच आई है। ऐसा मान्यता है कि,जब मां झूले पर सवार होकर आती है तो घर परिवार मे मांगलिक कार्य होने लगते है। शादी — विवाह मे आ रही अड़चने दूर होती है। नामकरण, बच्चों का मुंडन, ग्रह प्रवेश, नया घर खरीदना, और धार्मिक अनुष्ठान जैसे मांगलिक कार्य अब संपन्न होने शुरू हो जाएगे। घर मे खुशियो की बारिश होगी।

आखिर क्या है शैलपुत्री का मतलब?

नवरात्रि के नौ दिन मां के नौ स्वरूपो की पूजा होती है जिसमे से पहले दिन के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा हो रही है। शैल का अर्थ होता है पत्थर, जिसे हमेशा अडिग माना जाता है। नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा में सफेद रंग का बहुत महत्व है। माता को प्रसन्न करने के लिए सफेद फूल, वस्त्र और मिठाई चढ़ाना चाहिए।

क्यो पड़ा मां का नाम शैलपुत्री

शैलपुत्री देवी दुर्गा के नौ रूप में पहली स्वरूप में जानी जाती हैं। ये ही नवदुर्गाओं में प्रथम दुर्गा हैं। पर्वतराज हिमालय के घर पुत्री रूप में उत्पन्न होने के कारण इनका नाम ‘शैलपुत्री’ पड़ा। नवरात्रि-पूजन में प्रथम दिवस इन्हीं की पूजा और उपासना की जा रही है। मां को नाना प्रकार के भोग चढाये जा रहे है।