उत्तर प्रदेश/दिल्ली भारतीय टीम के पूर्व कप्तान विराट कोहली जब महज़ 17 साल के थे तो उनके पिता का निधन हो गया था। विराट बताते है कि,उस समय दिल्ली के फिरोजशाह कोटवा मे दिल्ली और कर्नाटका के बीच मैच था। पहले दिन का खेल खत्म हो गया था। वो 40 रन बनाकर नाबाद थे। उसी दोपहर विराट को फोन आया की उनके पिता की तबीयत बहुत ज्यादा खराब है।
रात दो बजे आया कॉल
आखिर कार वही हुआ जिसका डर था। विराट ने कहा कि, रात दो बजे फिर उन्हे कॉल आया। फोन पर परिवार का कोई सदस्य था। जिसने धीमी आवाज मे कहा कि, ब्रेन स्टोक के चलते उनके पिता का निधन हो गया है। ये खबर सुनकर वो काफी ज्यादा परेशान हो गये। उन्हे कुछ समझ मे नही आ रहा था कि,वो क्या करे। विराट के सामने एक सबसे बड़ी चुनौती यही थी कि वह ऐसी स्थिति में अपने परिवार के साथ रहे या फिर टीम के लिए खेलने जाए। आखिर कार उन्होने दिल और दिमाग के बीच दिमाग की सुनी और बैट लेकर पीच पर उतर गये। उस समय टीम के सभी खिलाडी आउट हो गये थे। अब सबकी नजरे विराट पर थी स्टेडियम मे सब विराट को देख रहे थे। जिसके बाद विराट ने एक के बाद एक चौके और छक्के जड़ना शुरू किया और 90 रन बनाकर टीम को जीत दिलाया ।
टीम को जीताने के बाद पहुंचे पिता के अंतिम संस्कार मे
टीम को जीत दिलाने के बाद विराट अपने पिता के अंतिम संस्कार मे शामिल हुए। उन्होने बताया कि,ये एक बेहद ही भावुक लम्हा था। एक तरफ मैच के जीत की खुशी थी। तो दूसरी तरफ पिता के मौत का दु:ख। ये समय विराट
के लिए बेहद ही कठीन समय था। लेकिन उन्होने अपने परिवार को संभाला।