Gujrat News:वाटर वूमेन शिप्रा पाठक को गुजरात में पर्यावरण रत्न सम्मान

Share

Loading

उत्तर प्रदेश/लखनऊ। वॉटर वूमन शिप्रा पाठक को गुजरात की राजधानी अहमदाबाद में समस्त महाजन संस्था ने पर्यावरण रत्न से सम्मानित किया है । अब तक दर्जनों नदियों की लगभग 12000 किमी की पदयात्रा कर चुकी शिप्रा पाठक ने नदी किनारे रहने वाले ग्रामीणों को जल संरक्षण के प्रति प्रेरित कर उनसे पौधा लगवाकर उसे जीवित रखने का संकल्प दिलाना है। इस क्रम में शिप्रा अब तक लगभग 25 लाख पौधे लगा चुकीं हैं। इस दौरान शिप्रा पाठक ने हजारों की संख्या में गुजराती पगड़ी लगाए लोगों का आभार जताते हुए समस्त महाजन संस्था ने शिप्रा के साथ 50 पौधों को ट्री गार्ड के साथ रोपित किया। गौ संरक्षण के लिए 2 एम्बुलेंस का भी उद्घाटन किया गया।

एक करोड़ पौधे रोपने का संकल्प

शिप्रा पाठक ने बताया कि ,इस संकल्प के क्रम में उन्होंने नर्मदा,शिप्रा,गोमती,वरुणा,नाद,सरयू एवम् यमुना नदी आदि के अलावा अयोध्या से रामेश्वरम तक राम जानकी वन गमन मार्ग की 4000 किलो मीटर की पद यात्रा की है।गुजरात की राजधानी अहमदाबाद में समस्त महाजन संस्था ने शिप्रा के उल्लेखनीय कार्य के लिए पर्यावरण रत्न से सम्मानित करते हुए उन्हें गुजरात की नदियों एवं सरोवर के लिए कार्य करने के लिए आमन्त्रित किया।

गुजराती पगडी और वेशभूषा भाई

शिप्रा ने कहा पर्यावरण के साथ साथ हमें गौमाता,तुलसी माता,अपनी माता, माता,नदी माता एवं भारत माता के प्रति हमेशा कृतज्ञ रहना चाहिए।उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को कम से कम 100 वृक्ष अपने जीवनकाल में तैयार करने चाहिए। उन्होंने बताया एक बड़ा पीपल, वट वृक्ष अपने जीवन काल में करोड़ों रुपए की ऑक्सीजन पर्यावरण को देता है जो हम चाह कर भी देश को नहीं दे पाएंगे।शिप्रा पाठक ने कहा देश में अगर पर्यावरण के प्रति लोग उदासीन हैं तो दूसरी ओर अब जागरूकता भी आ रही है इसका स्पष्ट उदाहरण आज उत्तर प्रदेश के बदायूं स्थित एक छोटे से क़स्बे से होने के बाद भी मुझे गुजरात की राजधानी अहमदाबाद में प्रकृति संरक्षण के माध्यम से ही बुलाया गया है।