उत्तर प्रदेश/वाराणसी। गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण काशी विश्वनाथ धाम के तीन प्रवेश द्वार- ललिता घाट गंगा द्वार, सिल्को द्वार संख्या 4ए और सरस्वती फाटक-बंद कर दिए गए हैं। इसके साथ ही, 12 अगस्त को सावन के चौथे सोमवार के सभी प्रोटोकॉल रद्द कर दिए गए हैं। वही विशेष कतार की कोई सुविधा नहीं उपलब्ध कराई जाएगी।
वाराणसी में गंगा का जलस्तर 20 मिलीमीटर की रफ्तार से बढ़ रहा है और खतरे के निशान तक आ गए है। एहतियातन गंगा में छोटी नाव के संचालन पर पूरी तरह से रोक लगा दि गई है। वही मंदिर प्रशासन की माने तो ज्ञानवापी गेट संख्या 04 और नंदू फेरिया गेट 4बी से प्रवेश की व्यवस्था पहले की तरह बनी रहेगी। इस सोमवार को अधिक भीड़ की संभावना जताई जा रही है। साथ ही भक्तों से अनुरोध किया गया है कि वे धैर्यपूर्वक अपनी बारी का इंतजार करेंगे। साथ ही गोदौलिया-मैदागिन मार्ग पर जहां से कतार दिखेगी। उसमें शामिल हो जाएंगे। पहाड़ों पर हो रही लगातार बारिश का असर मैदानी इलाकों पर भी दिखाई दे रहा है। गंगा सहित उनकी सहायक नदियों के जलस्तर में तेजी से बढ़ाव होता नजर आ रहा है। वही जलस्तर बढ़ने के कारण पक्के घाटों का आपसी संपर्क भी टूटना शुरू हो गया है। उसके बवाजूद भी भक्तों की संख्या कम नही हो रही है। गंगा की खूबसूरत सीढ़ियां और मंदिर भी जलमग्न हो चुके है। इतना ही नही बल्कि तटवर्ती इलके पर आश्रित होकर जीविकोपार्जन करने वाले भी ऊंचाई पर पलायन करने पर मजबूर हो चुके हैं।