उत्तर प्रदेश/लखनऊ। बेसिक शिक्षा निदेशालय निशातगंज लखनऊ कार्यालय पर 69000 हजार शिक्षक भर्ती के अभ्यार्थियों का धरना प्रदर्शन लगतार तीसरे दिन भी जारी है। यहां पर एक तरफ अभ्यार्थी हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक नई सूची जारी करने की मांग कर रहे है। तो वहीं चयनित शिक्षकों में सामान्य वर्ग के चयनित अभ्यर्थियों ने नई सूची जारी करने का विरोध शुरु कर दिया है। इसके बाद अब सरकार के सामने विषय परिस्थितियां खड़ी हो गयी है।
पिछले 640 से अधिक दिन से जारी है 69 हजार शिक्षक भर्ती अभ्यार्थियों का आन्दोलन
कभी अखिलेश यादव कभी,डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक से लेकर कितने ही नेताओं के साथ उनके आवासों पर 69 हजार शिक्षक भर्ती अभ्यार्थी पिछले 640 से अधिक दिनों से अन्दोलन कर रहे है। जाड़ा,गर्मी और बारिश की परवाह किए बिना यह अभ्यार्थी जिसमें महिलाएं भी शामिल है अपनी मांगों को लेकर सरकार से मांग कर रहे है। अब पिछले तीन दिन से लखनऊ के बेसिक शिक्षा निदेशालय पर उनका धरना प्रदर्शन जारी है। यहां पर अभ्यार्थी हाइकोर्ट के निर्देश के मुताबिक नई सूची जारी करने की मांग पर अडे है।इनका कहना है हाईकोर्ट ने पुरानी सूची को रदद कर दिया है फिर सरकार उस पर अमल क्यो नही कर रही है।
सामान्य वर्ग के शिक्षकों का गुस्सा सड़कों पर फूटा
धरना प्रदर्शन में SCERT निशातगंज कार्यालय पर चयनित शिक्षक और सामान्य वर्ग के चयनित अभ्यर्थियों का भी गुस्सा सड़क पर फूट है। दोनों ही पक्ष सीएम योगी से मिलने की मांग कर रहे है। सीएम योगी इस मामले पर बीते रविवार को अफसरों के साथ बैठक कर चुके है। जिसमें स्पष्ट निर्देश दिए गए है। सीएम योगी ने अधिकारियों से यह भी कहा कि,सरकार का स्पष्ट मत है कि संविधान में दी गई आरक्षण सुविधा का लाभ आरक्षित श्रेणी के सभी पात्र अभ्यर्थियों को मिलना चाहिए।
हाईकोर्ट ने सभी चयन सूची रद्द करने के दिए है निर्देश
अमरेंद्र सिंह पटेल ने बताया कि न्यायमूर्ति अत्ताउरहमान मसूदी और न्यायमूर्ति बृजराज सिंह ने 13 अगस्त को वीडियो कांफ्रेंस से यह फैसला सुनाया था। हाईकोर्ट ने 69 शिक्षक भर्ती में अब तक बनाई गई सभी चयन सूचियों को रद्द कर नई लिस्ट बनाकर आरक्षण नियमावली 1994 के प्रावधानों के अनुसार नियुक्ति किए जाने का आदेश दिया है।
नौकरी कर रहे शिक्षक नही होंगे बाहर
कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा कि नई सूची तो जारी की जाए। लेकिन शिक्षक भर्ती के तहत नौकरी कर रहे अभ्यर्थी यदि प्रभावित होते हैं तो उन्हें बाहर नहीं किया जाएगा।
पिछले सात साल से चल रही 69 हजार शिक्षक भर्ती प्रक्रिया
उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद ने 69 हजार शिक्षक भर्ती का आयोजन वर्ष 2018 में किया गया था। इसके बाद आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने चयन सूची जारी करने में भर्ती नियमावली का पालन सही तरीके नहीं किये जाने का आरोप लगाया था। इसके बाद अभ्यर्थियों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इसके मुख्य पक्षकार अरमेंद्र सिंह पटेल की अपील पर कोर्ट ने अपना 13 अगस्त को वीडियो कॉफ्रेंसिग के जरिए फैसला सुनाया था।